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लौह नगरी किरंदुल में 14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया गया”

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“लौह नगरी किरंदुल में 14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया गया”

प्राईम संदेश न्यूज़ से शेखर दत्ता की रिपोर्ट (दंतेवाड़ा)

किरंदुल (प्राईम संदेश) किरंदुल नगर के न्यू टाईप थ्री कॉलोनी (फुटबॉल ग्राउंड) में बड़े धूम धाम से मनाया गया माता पिता के पूजन का अनोखा पर्व । यह कार्यक्रम संत आशारामजी बापू के साधकों व समस्त कॉलोनी वासियों के द्वारा आयोजित किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा माँ सरस्वती का पूजन करके किया गया । आशा देशमुख द्वारा माँ सरस्वती का पूजन व भारती रात्रे एवं भावना सर्वदे द्वारा सुन्दर भजन की प्रस्तुति की गयी । कार्यक्रम संचालक भरद्वाज वर्मा ने बताया कि वेलेंटाइन डे जैसी कुरीति के कारण आज युवाओं का पतन हो रहा है । विकसित देशों में बच्चे अपने बूढ़े माता-पिता का तिरस्कार कर देते हैं उनको वृद्धाश्रमों में छोड़ आते हैं । यह गन्दगी हमारे देश में भी तेजी से प्रवेश कर रही थी । अतः संस्कृति की रक्षा के लिए संत आशारामजी बापू ने 2006 से 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस की शुरुआत की और आज यह दिवस विश्वव्यापी हो रहा है। कार्यक्रम में बच्चों ने अपने माता पिता को तिलक लगाकर आरती उतारी, उनकी 7 बार परिक्रमा की । सभी ने अपने माता पिता का आदर करने और उनकी आज्ञाओं का पालन करने का संकल्प लिया । कार्यक्रम में पधारे डी.ए.वी. स्कूल के उप-प्राचार्य श्रीमती वीणा त्रिपाठी ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि देश में संतों के ऊपर अत्याचार हो रहा है, जेल में बंद निर्दोष संत आशारामजी बापू को जल्द रिहा किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में एस. के. त्रिपाठी, वीरेन्द्र वैष्णव, नागनाथ सर्वदे, घनश्याम वर्मा, अनिल रात्रे, संतोष महरवाड़े, अमित दीक्षित, शंकर शाहा, ओमकुमार साहू, लाला राम साहू, छगन हिरवानी, प्रबीन नायक, अनिल हरिब्यासी, एम एस लजीस, विजेन्द्र महानंद आदि का विशेष योगदान रहा ।

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