बैलाडीला वासियों की मदद से मेरा नर्स बनने का सपना होगा साकार : ब्लेसी नम्रो
किरंदुल: मिनी हिंदुस्तान कहे जाने वाले बैलाडीला के लोगो ने एक बार फिर मानवता का परिचय देते हुए, आर्थिक तंगी से गुजर रहे एक ऐसे लड़की के नर्स बनने का सपना साकार किया, जिसे सेवन हिल्स हॉस्पिटल विशाखापत्तनम ने 18 महीने से बकाया फीस जिसकी कुल रकम 1 लाख 25 हजार जमा न करने के कारण कॉलेज आने आए मना कर दिया था। नर्स बनने का सपना टूटते देख छात्रा बहुत दुखी और डिप्रेशन में थी। उसकी दशा को देखते हुए उसके सहपाठी किरंदुल निवासी दो छात्रओं ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। उक्त छात्रा की बेबसी को देखते हुए परिजनों ने तत्काल छात्रा को किरंदुल बुलाकर नगरवासियों के मदद की गुहार की ताकि उस छात्रा का भविष्य बर्बाद न हो। छात्रा की मदद करने बैलाडीला के हर तबके के लोगों ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। जिसमे सभी सम्प्रदाय के लोगो ने, श्रमिक संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने, ठेकेदारों एवं किरंदुल बचेली से कई नागरिकों ने भरपुर मदद कर 1 लाख 25 हजार की रकम महज 3 दिनों में पूरा कर उक्त छात्रा के नर्स बनने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
छात्रा ब्लेसी नम्रो नम आंखों से कहा कि मैं सेवेन हिल्स नर्सिंग कॉलेज विशाखापत्तनम से बीएससी नर्सिंग कर रही हूं मेरी पारिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है। मेरे पिता ने किसी तरह इस कॉलेज में एडमिशन कराया और 2 साल फीस देखकर किसी तरह मुझे पढ़ाया। परंतु पिछले डेढ़ वर्षो से मैं कॉलेज की फीस देने में मैं असमर्थ थी। जिसके कारण मुझे कॉलेज प्रशासन द्वारा स्कूल आने से मना कर दिया गया था। इस कठिन परिस्थिति में मेरे साथ नर्सिंग कर रहे किरंदुल के दो मित्रों ने आश्वासन देकर मदद करने की बात कही और मुझे किरंदुल बुलाया गया। किरंदुल एवं बचेली के सभी संप्रदाय के लोगों ने मुझे भरपूर आर्थिक सहयोग किया। जिसने भी मुझे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता प्रदान की उनको मैं चरण स्पर्श कर धन्यवाद देती हूं। आप सभी के सहयोग से मेरा नर्स बनने का सपना साकार हो रहा है जिसे मैं जीवन पर्यंत तक नही भूला सकती।