पहली बार बने शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट मंत्री भारत देश की कैबिनेट में विदिशा को दूसरी बार मिला प्रतिनिधित्व
पहली बार बने शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट मंत्री भारत देश की कैबिनेट में विदिशा को दूसरी बार मिला प्रतिनिधित्व
रायसेन. विदिशा रायसेन संसदीय क्षेत्र से छठवीं बार रेकॉर्ड मतों से जीतने वाले शिवराज सिंह चौहान के मोदी सरकार के तीसरे मंत्रिमंडल में शामिल होते ही वे विदिशा रायसेन लोकसभा क्षेत्र के ऐसे दूसरे नेता बन गए हैं। जिन्हें देश की कैबिनेट में मौका मिला है। उनके पहले विदिशा सांसद रहीं सुषमा स्वराज को यह मौका मिला था और वे विदेश मंत्री बनाई गईं थीं। इसके पहले विदिशा सांसद रहते हुए सुषमा स्वराज ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में ख्याति
अर्जित की थी। वे दो मर्तबा लगातार भाजपा सांसद चुनी गई थी।सुषमा स्वराज के पहले भी विदिशा से कई सांसद हुए खुद शिवराज सिंह चौहान यहां से पांच बार सांसद रहे, राघवजी भाई भी दो बार सांसद रहे।कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा दो बार सांसद रहे, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहुंचने का मौका किसी को नहीं मिल पाया। दरअसल देश की कैबिनेट में विदिशा से पहुंचने का मौका पहले सुषमा स्वराज और अब शिवराज सिंह को मिला है।
72 साल में दूसरी बार मिला कैबिनेट मंत्री
विदिशा रायसेन लोकसभा का इतिहास 1952 के चुनाव से शुरू होता है। यानी पहले से लेकर अब तक के चुनाव के 72 साल के इतिहास में विदिशा लोकसभा क्षेत्र से मात्र दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनने का मौका मिला है। पहले सुषमा स्वराज और अब शिवराज सिंह चौहान। पहले पांच चुुनाव यानी 1952 से 1971 तक के दौर में विदिशा ररायसेन लोकसभा से क्रमश: हिन्दू महासभा से वीजी देशपांडे, कांग्रेस से राजमाता विजयाराजे सिंधिया, कांग्रेस से रामसहाय पांडे, जनसंघ से पं. शिव शर्मा और जनसंघ से ही उधोगपति रामनाथ गोयनका सांसद बने। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी के राघवजी भाई सांसद बने, उस समय देश में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनीथी।लेकिन राघवजी भाई को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनाव में विदिशा से कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा सांसद बने थे।अब पहली बार कैबिनेट मंत्री बने शिवराज सिंह से रायसेन क्षेत्र की जनता विकास की काफी उम्मीदें हैं।