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कृषि उपज मंडी में रोज आते हैं 800-1000 ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं लगी होती रिफ्लेक्टर-रेडियम पट्टी

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कृषि उपज मंडी में रोज आते हैं 800-1000 ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं लगी होती रिफ्लेक्टर-रेडियम पट्टी

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

 

ट्रैक्टर-ट्रालियों में न रिफ्लेक्टर न रेडियम पट्टी अंधेरे में हादसे का खतरा

इनका कहना है

शहर में आने वाले ट्रैक्टर- ट्रालियों पर रिफ्लेक्टर और रेडियम पट्टी लगवाने के लिए हम जल्दी ही अभियान चलाएंगे।लता मालवीय ट्रैफिक थाना प्रभारी रायसेन

रायसेन।जिले में स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे से लेकर शहर और तमाम ग्रामीण मार्गों पर दौड़ रहे कृषि और व्यवसायिक ट्रैक्टर- ट्राली में न तो रिफ्लेक्टर लगे हैं और न ही रेडियम पट्टी ही लगाई गई है। जबकि ट्रैक्टर- ट्रालियों में बैकलाइट भी नहीं होती है। ऐसे में रात के वक्त अंधेरे में इन वाहनों के पीछे से आने वाले वाहनों में हादसों की आशंकाएं बनी रहती है। साथ ही इनमें सरिए से भरी ट्रालियों पर भी यातायात पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे इन वाहन चालकों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि करीब एक साल पहले ट्रैक्टर- ट्रालियों पर रेडियम लगाने का काम शुरू हुआ था। लेकिन लंबा समय बीतने के बाद यह अभियान फिर ठंडा हो गया।

 

मंडी और शहर में प्रवेश कर रहे ट्रैक्टर- ट्रालियों में लटके रहते हैं सरिए : कृषि उपज मंडी रायसेन व अन्य कामों के लिए रोजाना करीब 800 से 1000 तक ट्रैक्टर- ट्राली शहर में आते हैं। इनमें से कई को किसान व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोग यहां- वहां खड़ा कर देते हैं। ट्रालियों के पीछे संकेतक के लिए रेडियम पट्टी या रिफ्लेक्टर नहीं होने से रात को अंधेरे में यह दिखाई नहीं देते हैं। जबकि कई ट्रैक्टर व ट्रालियों में लादकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग सरिया और अनाज भी ढोते हैं। जिनमें पीछे की तरफ लटके सरियों की वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। इतना ही नहीं नेशनल हाईवे स्टेट हाईवे सहित अन्य मार्गों पर स्थित ढ़ाबों व होटलों के आगे भी सड़क किनारे ट्रक सहित अन्य वाहन बगैर ब्रेक लगाए चलते हैं ।

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