बलरामपुर जिले के रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज में नीलगाय कि हत्या 9 लोगों की हुई गिरफ्तारी
दैनिक प्राईम संदेश बलरामपुर छत्तीसगढ़ स्टेट हेड अजीमुदिन अंसारी
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज अंतर्गत ग्राम इंदरपुर में कुछ ग्रामीणों द्वारा नीलगाय की हत्या करने और उसके मांस को आपस में बांटने का मामला सामने आया है। यह घटना सामने आने पर क्षेत्रीय वन विभाग के कर्मचारियों ने त्परिता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई की है नीलगाय की हत्या से जुड़े 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है गिरफ्तार किए गए आरोपियों को रामानुजगंज लाकर पूछताछ की जा रही है।
घटना के इस घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम इंदरपुर के कुछ ग्रामीणों ने अवैध रूप से नीलगाय का शिकार कर उसकी हत्या कर दी और मांस को आपस में बांट लिया। इस घटना के बारे में जैसे ही वन विभाग को सूचना मिली, तो रामानुजगंज फॉरेस्ट रेंज के कर्मचारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर छानबीन की। इस दौरान वहां से नीलगाय का कटा हुआ सिर, कुछ तार और एक बाइक भी बरामद की गई।
फॉरेस्ट रेंज के कर्मचारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ शुरू कर दी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे और अवैध शिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गिरफ्तारी के बाद, वन विभाग ने मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है और सभी आरोपियों से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के प्रयास जारी हैं। इस कार्रवाई के बाद से इलाके में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर चर्चा तेज हो गई है और उम्मीद की जा रही है कि इस तरह की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे अभी हाल ही में वन जीव का अवशेष पकड़ा गया था बलरामपुर में इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है इस तरह की घटनाओं के लिए इस वक्त बलरामपुर सुर्खियों में है क्या नहीं रुकेगी बलरामपुर में इस तरह की घटनाएं एक सवालया निशान है जिसका जवाब शायद वन विभाग के पास भी नहीं है आपको बता दें कि जब से इस क्षेत्र के रेंजर अनिल कुमार पांडे एसडीओ बन गए हैं तब से लेकर अब तक यह बंद जीवन के लिए तीसरी चौथी घटना बताई जा रही है ज्ञात रहे की इसी क्षेत्र में शिकारी के द्वारा हाथी की हत्या भी विगत कुछ दिन पूर्व की गई थी उसके बाद भालू और तेंदुआ की खाल भी बरामद किया गया था अभी लगभग सप्ताह भर बिते होंगे कि यह नीलगाय की हत्या नहीं झंझोड़ कर रख दिया है क्या इस घटना से यह मान लिया जाए कि अब इस क्षेत्र में वैन परानी सुरक्षित नहीं है या डीएफओ अंबिकापुर इस घटना से सबख लेते हुए बलरामपुर रेंज के वन विभाग में कसावट लेंगे या एसडीओ और ड्यूटी रेंजर के बने हुए स्टोरी ही सुनते रहेंगे यह आने वाले समय में देखना होगा कि सिर्फ आरोपी पर ही कार्रवाई की जाती है या उसे क्षेत्र के अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई की जाएगी अगर कार्रवाई की जाती है तो यह डीएफओ साहब की तरफ से यह माना जाएगा की डीएफओ साहब वन प्राणियों को सुरक्षा देने के लिए चिंतित हैं और अगर इन 9आरोपियों को सिर्फ जेल भेज कर हाथ पर हाथ धरे रहने से वन प्राणियों की सुरक्षा खतरे में देखा जा रहा है इस क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि ऐसे मामले यूं ही नहीं होते कहीं ना कहीं विभाग की भी संलिप्त होती है।