सतर्क और समझदार टाइगर: किला पहाड़ी पर वन विभाग के कैमरों की रेकार्डिंग में हुआ खुलासा बकरे को देखकर भी
सतर्क और समझदार टाइगर: किला पहाड़ी पर वन विभाग के कैमरों की रेकार्डिंग में हुआ खुलासा बकरे को देखकर भी
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
अंदर नहीं गया
पिंजरे के पास पहुंचा लेकिन शिकार के लालच में नहीं आया टाइगर निकल गया,किला पहाड़ी पर बनाई टेरिटरी
रायसेन. दो माह से शहर के आसपास चहलकदमी कर रहा टाइगर सतर्क और समझदार है। उसे अंदाजा है कि पिंजरे के अंदर बांधा गया बकरा उसे ही फंसाने के लिए रखा गया है। अपने इलाके में घूम रहे टाइगर ने बकरे का शिकार करने की जहमत नहीं उठाई। उसे देखकर पास से गुजर जाना उचित समझा।
जी हां,यह सच है कि रायसेन में किला पहाड़ी पर रखे गए पिंजरे के आसपास लगे कैमरों में जो दृश्य कैद हुए हैं उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि यह टाइगर होशियार है। वह वन विभाग के पिंजरे के अंदर घुसने की जुर्रत नहीं कर रहा है। एक पखवाड़े में वह कई बार उस पिंजरे के पास से गुजर गया। चार दिन पहले एक तेंदुए ने भी पिंजरे के पास पहुंचकर बकरे को देखा था। तेंदुए ने उसका शिकार नहीं किया। जैसे ही तेंदुआ वहां से गया, पिंजरे में बंधे बकरे को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद पिंजरे में दूसरा बकरा बांधा गया।
रायसेन शहर के आसपास घूम रहे टाइगर को पकड़ने के लिए रायसेन वनमंडल की टीम काफी मशक्कत कर रही है।वन महकमे की स्पेशल टीम तैयार की गई है।वन रेंजर प्रवेश पाटीदार और बृजेंद्र तिवारी सहित डिवीजन के बेस्ट कर्मचारियों को टीम में शामिल किया गया है। डीएफओ विजय कुमार ने एसडीओ सुधीर पटले को इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी बनाया है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों और एनटीसीए वनविहार के वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों को रायसेन बुलाकर क्षेत्र भ्रमण कराकर उनसे राय ली गई है।
गूगल इमैजिनरी से ट्रेल का अध्ययन….. किया गया और 70 से ज्यादा कैमरे लगाए गए इसके अलावा और भी उपाय किये गए। बावजूद इसके बाघ इन विशेषज्ञ अधिकारियों पर भारी पड़ रहा है। हालांकि टाइगर की मॉजरूर बायपास रायसेन पर चहलकदमी करती कुछ दिनों पूर्व नजर आई थी।