हरदा में नल जल के लटकते पाईप और उखड़ी सड़क दे रही भ्रष्टाचार की गवाही
- धन्य है हरदा पीएचई के इंजीनियर जो ग्रेविटी के नियम को मुंह दिखा रहे है
नल जल योजना और जल जीवन मिशन का बंटाधार करता हरदा का पीएच विभाग
- हरदा में कार्यपालन यंत्री के कारनामे के आगे नतमस्तक हुए ग्रामीण, दे रहे गवाही !
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
हरदा / भोपाल । मध्यप्रदेश के हरदा जिलें के पीएचई विभाग में पदस्थ इंजीनियर्स के इंजीनियर कार्यपालन यंत्री पवनसुत गुप्ता निर्माण कार्य की समीक्षा और गुणवत्ता की जांच किए बगैर धड़ल्ले से नल जल योजना व जल जीवन मिशन का संचालन कर रहे है । क्या कार्यलापन यंत्री बिना देखें निर्माण एजेंसियों को भुगतान किए जा रहे है ? तभी तो हरदा जिलें के अंतर्गत आने वाले गांव अतार्समा, रिजगांव के घरों में लटकते पाईप और जगह जगह उखड़ी सड़के भ्रष्टाचार और घोटाले की गवाही दे रही है, जिसकी जानकारी ग्रामीण भी दे रहे है । ( वही हरदा जिलें में पदस्थ पीएचई विभाग के इंजीनियर्स विज्ञान के नियम ग्रेविटी को पलटने में लगें है क्योंकि यह पर नालों के पाईप को जिस तरह फांसी पर लटकाया गया है वह भी किसी कारनामें से कम नही है ? जैसे नलजल योजना के लटकते पाईप है वैसे ही धन्य है ऐसे इंजीनियर और महान है उनके विभाग के मुखिया जिन्हें पद्मभूषण या पद्मश्री भी दिया जाए तो शायद कम होगा ? क्योंकि इनकी देखरेख में जिस तरीके से भ्रष्टाचार चल रहा है वह किसी वर्ल्ड रिकॉर्ड से कम नहीं होगा ? तभी तो ग्रामीण भी अपने आप को खुशकिस्मत समझ रहे होंगे जो उन्होंने इस प्रकार के इंजीनियर के समय में जन्म लिया ! हद हो गई है घटिया निर्माण कि क्योंकि फोटों वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि किस प्रकार भ्रष्टाचार करते हुए लाखों रुपए का बंदरबाट किया है ? उसके बाद भी हरदा का पीएचई विभाग जो सिर्फ खानापूर्ति किए जा रहा है । यह ऐसा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग है जिसके कानों पर जूं तक रेंग नही रही है, आलम यह है की मध्यप्रदेश शासन के करोड़ों रूपए का बंदरबाट करने के बाद भी कार्यलापन यंत्री रटा रटाया जवाब देते है मामला संज्ञान में आया है दिखवाते है , जब मामला संज्ञान में आने पर ही दिखवाते है तो फिर क्यों इनकी नियुक्ति की गई है ? ) क्या कार्यपालन यंत्री इनके पद पर होने के नाते दायित्व नहीं बनता की क्षेत्र में चल रही जनकल्याण योजनाओं का निरीक्षण कर, हो रहे घोटालों पर विराम लगाए जाए ? हरदा जिलों में चल रहें निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच करने पर मालूम चलेगा कि कई गांव में आज भी लोग हैंडपंप और नलकूप के भरोसे अपनी प्यास बुझा रहे है । क्योंकि पीएचई विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी सिर्फ खानापूर्ति करवा कर चंद निर्माण एजेंसियों को लाभ पहुंचाते हुए घोटालों को अमली जामा पहना रहे है, जिसका खामियाजा क्षेत्र की भोली भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है ! इस घटिया निर्माण की जानकारी जिले में बैठे उच्च अधिकारी को दी जाने के बाद भी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ मुंह दिखाई की जा रही है, आखिर क्या कारण है कि जिले में बैठे कार्यपालिका यंत्री क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य को देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं आखिर किसका संरक्षण मिल रहा है हरदा पीएचई विभाग को ?
क्या वाहन की लॉकबुक का सत्यापन करेंगे जिला कलेक्टर ?
सरकारी खर्च पर मिलने वाले वाहन और डीजल पेट्रोल का गुना भाग किया जाए तो मालूम चलेगा कि प्रतिवर्ष लाखों रुपए की धाजियां सिर्फ घर से कार्यालय, कार्यालय से घर, मीटिंग, ट्रेनिंग, संभागीय कार्यालय, भोपाल जैसे स्थान पर दर्शाया जाता है ? जबकि ग्रामीण क्षेत्र में निरीक्षण के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जाती है क्योंकि सही मायने में कार्यों का निरीक्षण कार्यपालन यंत्री पवनसुत गुप्ता और अन्य सहायक कर्मचारी करते तो क्षेत्र की तस्वीर खुशहाल होती ना की आज जो बदहाली में ग्रामीण माताएं बहनें और बूढ़े बुजुर्ग खाली बर्तन लेकर गांव की सड़कों हैंडपंप से पानी लाते दिखाई देते है वह नही होता ? यदि सही मायने निर्माण कार्य किया जाता तो ग्रामीण अपने घरों में शान से पेयजल व्यवस्थाओं पर खर्च हुए करोड़ों रुपए की राशि से प्यास बुझाते । लेकिन क्या करें हरदा के पीएचई विभाग में बैठें उच्च कोटि के इंजीनियरों के कारण आज क्षेत्र में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है ।
क्या कहना है ।
पीएचई विभाग में चल रही अनियमित्ता की जानकारी देने के लिए कॉल गया तो कॉल नहीं उठाया गया ।
आदित्य सिंह कलेक्टर हरदा
आपके द्वारा जानकारी दी गई है कुछ बताने से पहले कार्यालय में दस्तावेज देख कर बता पाऊंगा ।
पवन गुप्ता प्रभारी कार्यलापन यंत्री
अगले अंक में देखिए
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- किसके संरक्षण में चल रहा हरदा पीएचई विभाग में घटिया निर्माण ?