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एक शाला एक स्कूल परिसर बनाया स्कूल पुराने भवनों की

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एक शाला एक स्कूल परिसर बनाया स्कूल पुराने भवनों की

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

नहीं हुई देखरेख जर्जर हुए भवन,जिम्मेदार विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते बढ़ी दुर्घटनाओं की संभावना

रायसेन। सरकारी स्कूलों के अब नए भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। जिला शिक्षा विभाग ने भी अब इन्हें एक साल एक परिसर स्कूल बना दिया है। जिससे नए स्कूल भवनों में जाते ही वह पुराने सरकारी स्कूल बिल्डिंगों को भूल गए हैं। जिला शिक्षा विभाग भी इन खंडहर भवनों की सुध नहीं ले रहा है। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।

विभाग की इस नई स्कूल प्रक्रिया एक शाला एक स्कूल परिसर के तहत पहली क्लास से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं एक ही छत के नीचे लगाई जाएं।शासन- प्रशासन से आदेश जारी होने के बाद एक शाला एक स्कूल परिसर में कक्षाएं लगना तो शुरू हो गई है ।लेकिन उन पुराने स्कूल बिल्डिंगों की जिला शिक्षा विभाग जिला शिक्षा केन्द्र रायसेन के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली। छत जर्जर होने और दीवारें धरकने से कभी भी खेलने वाले बच्चों पर हरदम दुर्घटनाओं का साया मंडरा सकता रहता है।दरअसल एक साल एक स्कूल परिसर से कुछ ही दूरी पर बनी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों की बिल्डिंगों में फिलहाल अब स्कूल नहीं लगता ।दोपहर के वक्त खेल पीरियड में स्कूली बच्चे इन खंडहर भवनों के आसपास खेलते रहते हैं। जिससे उनकी जान पर हरदम खतरा बना रहता है। जिम्मेदार विभाग के अधिकारी भी एक्शन मोड पर नहीं है। ऐसी स्थिति में इन खंडहर पड़े पुराने स्कूल भवनों में सन्नाटा पसरा हुआ है और ताला लगा रहता है।दरअसल सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बने इन स्कूल भवनों की देखभाल जिला शिक्षा केंद्र रायसेन के अधिकारियों को करनी है। यहां चौकीदार तैनात नहीं करने की वजह से फिलहाल इन पुराने जर्जर स्कूल भवनों में ताले लगे हुए हैं। उदाहरण के तौर पर जिला मुख्यालय रायसेन के गर्ल्स स्कूल ग्राउंड के बगल के हिस्से में खंडहर पड़ा पुराना स्कूल भवन और कलेक्ट्रेट कॉलोनी के हाईस्कूल पास जर्जर हालत में प्राइमरी और मिडिल स्कूल भवन आदि शामिल हैं।

जिला पंचायत की बैठक में उठ चुका है यह मुद्दा…

जिला पंचायत की बैठक में भी इन जर्जर स्कूल भवनों का मुद्दा जिला पंचायत जनप्रतिनिधियों ने उठा चुके हैं। एक शाला एक स्कूल परिसर के तहत रिक्त हुए भवनों को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने की मांग भी जनप्रतिनिधियों ने की थी ।लेकिन फिर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी पूरी तरीके से अनदेखी कर रहे हैं।जिला शिक्षा विभाग की स्थाई शिक्षा समिति की बैठक में भी यह मामला सामने आ चुका है।

यदि शाला भवन अन्यत्र जगह स्थित है, तो उसकी जानकारी भेजने को कहा गया है। इतना ही नहीं ऐसे भवन जिनका उपयोग नहीं हो रहा है। उन्हें ग्राम पंचायत को सुपुर्द करनेकी बात कही गई है।

जर्जर भवनों को ढहाने की अनदेखी….

नगर पालिका परिषद रायसेन की सीमा में स्थित पुराने गर्ल्स स्कूल भवन और प्राइमरी स्कूल कलेक्ट्रेट

कॉलोनी रायसेन के पुराने भवनों को ढहाने के आदेश पारित किए जा चुके हैं ।लेकिन स्कूल प्रबंधनों की लापरवाही और जिला शिक्षा केंद्र रायसेन की मनमानी की वजह से स्कूल भवन अपनी जगह जर्जर हालत में खड़े हुए हैं। दीवारों में दरार पड़ चुकी है ।स्कूल भवन की छत जर्जर है। बावजूद इसके इन्हें गिरने की कार्रवाई नहीं की गई है ।जबकि इन दोनों जगह पर नई बिल्डिंग में बन गई है पुराने भक्तों की दीवारों पर भी लिखा हुआ है कि यहां खड़े ना हो ।क्योंकि यह भवन काफी जर्जर हालत में है।जो कभी भी धराशाई हो सकता है।दीवारों पर लिखा गया है।इससे व्यक्ति दूरी बना कर रखें। कभी भी कोई हादसा हो सकता है।इससे यदि कोई दुघर्टना होगी तो वे खुद जिम्मेदार होंगे।

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