परसिली में जल संकट, संरक्षण व संवर्धन के आभाव में सूखी नदी।
काम नहीं आए एक दर्जन से अधिक निर्माण कराए गए चेक डेम व स्टॉप डेम।
लापरवाहों पर ग्रामीणों ने की कार्यवाही की मांग।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
जल संरक्षण व संवर्धन के अभाव में 12 किलोमीटर लंबी नदी जिसमें जल संरक्षण व संवर्धन के लिए करोड़ों की लागत से दर्जन भर से अधिक चेक डेम व स्टॉप डेम बनाए गए हैं। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही व निष्क्रियता के कारण यह पूरी तरह सूखी पड़ी है। लोगों की माने तो पूर्व में जब चेक डेम व स्टॉप डेम नहीं बनाए गए थे नदी के साफ सफाई कर दी जाती थी उसे समय नदी में पानी भरा रहता था लेकिन विगत कुछ वर्षों से भले ही चाहे करोड़ों रुपए खर्च कर दर्जन भर से अधिक चेक डेम व स्टॉप डेम बनवाए गए हैं लेकिन जल भराव के लिए कोई पहल नहीं की गई ना ही कई वर्षों से इस नदी की साफ सफाई कराई गई है खरपतवार और रेत मिट्टी भर जाने के कारण पानी का रुकाव नहीं हो रहा है। इस जल संकट काल में भी जल संरक्षण व संवर्धन के लिए जिम्मेदारों द्वारा कोई पहल नहीं की गई ना तो नदी की साफ सफाई कराई गई ना ही चेक डेम व स्टॉप डेम में पानी भराव के लिए कोई युक्ति अपनाई गई। जिस कारण नदी पूरी तरह सूख गई है मवेशियों के पानी पीने की काफी समस्या है वही जल का भराव ना होने से जल स्तर गिरता जा रहा है जिससे अधिकांश हैंडपंम्प हवा उगने लगे हैं।इस जल समस्या से चिंतित लोगों द्वारा समाचार पत्र के माध्यम से जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग की गई है। मीडिया से फरियाद सुनते हुए लोगों द्वारा कहा गया कि यदि समय रहते नदी की साफ सफाई एवं पानी रोकने का कार्य कर लिया जाता तो आज यह समस्या उत्पन्न ना होती। पंचायत में भ्रष्टाचार का बोल वाला है यहां के लोगों को काम नहीं मिलता सभी कार्य मशीनों से कराए जा रहे हैं। वह भी आवश्यकता वाले स्थानों को नजर अंदाज कर। अनावश्यक जहां किसी तरह से रोड नाली की आवश्यकता नहीं है वहां घटिया निर्माण कार्य कराया जाकर ग्राम विकास की राशि डकारी जा रही है। जिसकी फरियाद वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन आज तक किसी तरह से कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिससे जिम्मेदारों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और मनमानी पूर्वक कार्य कर रहे हैं।