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सीजीएसटी व एसजीएसटी में भिन्नता होने पर व्यापारियों को मिलेगी नोटिस 

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हिमांशु उपाध्याय/ नितिन केसरवानी

माल खरीद बिक्री में भिन्नता होने के चलते जीएसटी वर्ष 2021/22 के व्यापारियों को मिलेगी नोटिस, व्यापारी रखेंगे अपना पक्ष l

भरवारी/कौशाम्बी:  नगर स्थित जीएसटी कार्यालय में इन दिनों जीएसटी वर्ष 2021/22 वित्तीय वर्ष की जांच चल रही है ,जिसमें तत्काल कमियां न दिखा कर तीन वर्ष बाद वर्ष 2025/26 में कमियां निकालकर निर्धारित कर का 18प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज ले रहे हैं l सीजीएसटी व एसजीएसटी के अंतर्गत क्रमशः दस दस हज़ार रुपए का अर्थदंड भी आरोपित किया जा रहा है l
जबिक विभाग को मुख्यालय से आदेशित है कि मासिक और तिमाही रिटर्न दाखिल किया जाता है, लेकीन जीएसटी मुख्यालय द्वारा अधिकारियों को रिटर्न दाखिल के मैनिटरिंग के लिए आदेशित भी किया गया है लेकीन विभाग के अधिकारी अब तीन वर्ष बाद कर रिटर्न की जांच कर रहे हैं l इतने विलंब से जांच करने से कर की राशि से अधिक ब्याज की राशि बन रही है, अधिकारी तत्काल प्रभाव से जांच किए होते तो इतने शुल्क की भरपाई न करनी पड़ती l इस प्रकरण में कई मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं, व्यापारी ने बड़े व्यापारी से माल खरीदा, खरीद का जीएसटी रिटर्न देर से जमा किया या जमा ही नहीं किया, इस पर भी खरीदार व्यापारी से उसके हिस्से का कर वसूला जा रहा है जबिक व्यापारी कर पहले ही दे चुका है l बड़े व्यापारी ने बिक्री की सूची पोर्टल पर नहीं दिखाया जिसके कारण छोटे छोटे व्यापारी इसका शिकार हो रहे हैं l जबिक क्रेता व्यापारी के पास खरीद राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया है, तब भी उस खरीद की आईटीसी को अमान्य किया जा रहा है l व्यापारी खरीद बिक्री के मामले में अपना पक्ष जीएसटी कार्यालय में रखकर, दे सकेंगे जवाब l

इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर कौशाम्बी राजेश कुमार मौर्या ने कहा की टैक्स में कमियां होने के कारण राज्य मुख्यालय से ब्यापारियो की लिस्ट भेजी गईं है कि जांच कर देख ले किस में भिन्नता है, फिर नोटिस भेज कर, कर जमा कराए,आरसीएम में भी उन्ही व्यापारियों को नोटिस भेजी जाएगी जिनके कर टैक्स में भिन्नता मिली है l

ई वे बिल मे भी सरकार को 50 हजार से बढाकर 1 लाख तक अनिवार्यता करने कि छुट देना चाहिए। यह सरकार और व्यापारी दोनो के हितकर है। इससे बीच मे ट्रेडिंग के व्यापारियो को बहुत क्षति उठानी पड़ती है,वह देर रात खरीदी का सामान एक साथ लाने मे असमर्थ हो जाता है।
नीरज बनारसी
अध्यक्ष
राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन भरवारी कौशाम्बी

एमनेस्टी योजना में पेनाल्टी वा ब्याज माफी योजना सरकार कि तरफ से दी गयी अच्छी योजना थी इसे दोबारा लागू की जाएं जिससे व्यापारी इसका दोबारा लाभ उठा सकें l
अरविंद कुमार केसरवानी
जिलाध्यक्ष
राष्ट्रीय जनउद्योग व्यापार संगठन

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