*मध्य प्रदेश से 228 पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश*
मध्य प्रदेश में यह फैसला खासा प्रभावी साबित हो रहा है, जहां वर्तमान में लगभग 8000 पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न शहरों में निवासरत हैं। इनमें से 228 पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है। इनमें वे शामिल हैं जो शॉर्ट टर्म और मेडिकल वीजा पर भारत आए थे।
*केंद्र का निर्देश: 48 घंटे के भीतर छोड़ें भारत*
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि
शॉर्ट टर्म वीजा धारकों को 27 अप्रैल तक
मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक
भारत छोड़ना अनिवार्य है।
भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों से इन नागरिकों की पहचान की जा रही है। भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्रा ने पुष्टि की कि प्रक्रिया तेज कर दी गई है और सभी संबंधित अधिकारियों को सूची तैयार कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।
*लॉन्ग टर्म वीजा धारकों को मिली अस्थायी राहत*
मध्य प्रदेश में लगभग 7500 पाकिस्तानी नागरिक ऐसे हैं जो हिंदू समुदाय से हैं, और वर्षों से लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर भारत में रह रहे हैं।
इनमें से अधिकांश ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
सरकार ने इन्हें देश से निकालने से फिलहाल इनकार किया है।
रमेश लाल, जो भोपाल के बाहरी इलाके में रहते हैं, ने कहा-“हम भारत में शांति से जीना चाहते हैं। पाकिस्तान में हमें धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया गया। भारत सरकार का आतंकवाद पर ये कड़ा रुख सराहनीय है।”
*आर्थिक और सामाजिक प्रभाव भी आने लगे सामने*
1. पर्यटन पर असर:
हमले के बाद मध्य प्रदेश से कश्मीर की ओर जाने वाली 1500 से ज्यादा बुकिंग रद्द हो चुकी हैं। भोपाल रेल मंडल ने पुष्टि की है कि 200 से अधिक यात्रियों ने टिकट रद्द कराए हैं।
2. सामाजिक प्रतिक्रिया:
विहिप, बजरंग दल जैसे संगठनों ने अलग-अलग जगहों पर आतंकवाद का पुतला फूंका। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा बताया।मुस्लिम समाज के कुछ वर्गों ने भी आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इंसानियत के नाम पर एकजुटता दिखाई।
3. व्यापार पर प्रभाव:
भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर बंद किए जाने का असर पंजाब होते हुए व्यापार करने वाले मध्य प्रदेश के निर्यातकों पर पड़ेगा।