संविदाकारों की मनमानी, स्कूली बच्चों व शिक्षकों पढ़ रही भारी।
मशीनों वाहनों के शोरगुल में चौपट हो रहा हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य।
*अरविंद सिंह परिहार सीधी*
मामला मझौली उपखंड के नामी गिरामी स्कूल शासकीय सीएम राइस एवं शासकीय मॉडल स्कूल का है जहां सीएम राइस स्कूल के जारी नवीन भवन का निर्माण कार्य इन स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के भविष्य चौपट करने पर तुला हुआ है। वही शिक्षकों और छात्रों को समस्या में डाल रखा है।
बता दे कि वर्षों पूर्व हुए टेंडर का निर्माण का विगत 6 माह से जारी किया गया है जहां ठेकेदार के कर्मचारी मनमानी पूर्वक कार्य करने पर उतारू है इनका यह क्रियाकलाप बच्चों के साथ शिक्षकों को भी परेशानी में डाल दिया है।एक तो कई माह से प्रारंभ किया गया कार्य अवकाश माहो में कछुए की गति से किया जाता रहा जैसे ही शिक्षा सत्र की शुरुआत हुई सीएम राइस के कई भवन धराशाही कर दिए गए। वही शैक्षणिक समयावधि में मलवा हटाने का कार्य प्रारंभ किया जाता है जहां मशीनों एवं वाहनों का शोरगुल शैक्षणिक कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही है तथा वाहनों की आवा जाही बच्चों एवं शिक्षकों को परेशानी में डाल रखी है। यदि शिक्षकों और बच्चों की माने तो इस कार्य को अवकाश के समय किए जाने को कई बार कर्मचारियों को बोला गया लेकिन छात्रों के भविष्य को नजर अंदाज करते हुए कर्मचारी मनमानी पूर्वक शैक्षिक समय में ही कार्य प्रारंभ करते हैं जबकि मालवे हटाने का कार्य अवकाश के समय व रात्रि में भी किया जा सकता है। भले ही चाहे शासन, प्रशासन के बड़े अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के दबाव या भय से प्राचार्य शिक्षक मीडिया के समक्ष अपनी परेशानी सुनने में असमर्थ हो लेकिन संविदाकार के कर्मचारियों की मनमानी शिक्षकों को परेशानी में डाल रखा है। वही सीएम राइस एवं मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले हजारों छात्र -छात्राओं का भविष्य चौपट कर रहे हैं। जिससे छात्र-छात्राओं में भी भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
*दोनों विद्यालय के कैंपस में जमा रखे हैं कब्जा*
शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होते जहां सीएम राइज उत्कृष्ट विद्यालय के उन भावनाओं को छोड़कर जिन में खुद डेरा जमा रखे हैं कई भवनों को जो की कुछ अच्छे कंडीशन में थे एक साथ धराशाही कर शैक्षिक व्यवस्था में व्यवधान डाला गया वहीं दोनों विद्यालय के कैंपस में सामग्री, कबाड़, एवं वाहन खड़ा कर कब्जा किया गया है जो छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को समस्या में डाल रखा है। ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा मनमानी पूर्वक किए जा रहे कार्य जो कि बच्चों शिक्षा में व्यवधान डाल रहे हैं छात्रों में आक्रोश उत्पन्न कर रहा है छात्रों की माने तो यदि समय रहते कार्य व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो हम लोग आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन एवं संविदाकार की होगी।
*पानी, कीचड़ की बैतन्नी पार कर स्कूल पहुंच रहे छात्र शिक्षक।*
विद्यालय भवन के ठेकेदार की ही मनमानी नहीं बल्कि बायपास रोड के ठेकेदार की मनमानी भी स्कूली छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के लिए वर्षों से विकट समस्या बनी हुई है। विदित हो कि विगत दो वर्षों पूर्व से प्रारंभ किया गया बाईपास काम कछुए की गति से ही चल रहा है भले ही चाहे रोड की खुदाई कर मिट्टी फैला इधर-उधर पलट भारी भरकम राशि आहरित कर ली गई हो लेकिन स्कूली बच्चों व शिक्षकों को स्कूल पहुंचने के लिए बायपास रोड में भरे पानी व कीचड़ की बैतन्नी पार करनी पड़ रही है। जिसका कार्य भी वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। मंगलवार को जनसुनवाई में हमारे ब
ब्यूरो द्वारा अधिकारियों को स्थिति सेअवगत कराते हुए समस्या निदान किए जाने के कहे जाने पर। जनसुनवाई के प्रभारी रहे तहसीलदार मझौली द्वारा कहा गया कि इसकी शिकायत सीधी जाकर करिए हमारे बस में नहीं है। इनका यह वक्तव्य सुन वहां पर उपस्थित अधिकारी कर्मचारी एवं लोग एक दूसरे को देखते रह गए। स्कूली बच्चों की माने तो उनका कहना है कि आज से दो-तीन दशक पूर्व जब हमारे परिजन कीचड़ युक्त गलियों को पार कर घर पहुंचते थे तो कहा करते थे कि बैतन्नी पार कर आया हूं ठीक उसी मुसीबत से वर्षों पूर्व से हम लोग विद्यालय पहुंच रहे हैं। लेकिन हमारी परेशानियों को देखने वाला कोई नहीं है।