सभी नोडल अधिकारी निर्वाचन दायित्वों का पूरी गंभीरता निष्ठा और पारदर्शिता के साथ निर्वहन
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
करें- कलेक्टर अरविंद दुबे
लोकसभा आम निर्वाचन अंतर्गत नोडल अधिकारियों की बैठक आयोजित
रायसेन।कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद दुबे की अध्यक्षता में लोकसभा चुनाव अंतर्गत नोडल अधिकारी की बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर दुबे ने सभी नोडल अधिकारियों को उन्हें सौंपे गए दायित्वों तथा अभी तक की गई कार्यवाही की समीक्षा करते हुए स्वतंत्र निष्पक्ष और सुचारू रूप से निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न कराने हेतु निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्वाचन दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वीप प्लान की समीक्षा करते हुए जिले में लोकसभा निर्वाचन में अधिकाधिक मतदान के लिए सम्पूर्ण जिले में मतदाता जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर दुबे ने मतदान केन्द्रों का भ्रमण करते हुए समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही सी-विजिल तथा शिकायत प्रकोष्ठ की समीक्षा करते हुए सी-विजिल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निर्धारित समयावधि के भीतर समाधान सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कम्प्यूनिकेशन प्लान एवं एसएमएस मॉनीटरिंग मतदान/मतगणना दलों का गठन निर्वाचन प्रशिक्षण कानून व्यवस्था एवं आदर्श आचरण संहिता सारणीकरण वाहन एवं परिवहन व्यवस्था नाम निर्देशन की प्राप्ति डाक मतपत्र/ईटीपीबीएस ईडीसी, सेक्टर एवं रूट तैयार करने मतपत्र मुद्रण ईवीएम तथा वीवीपैट प्रबंधन निर्वाचन व्यय लेखा मीडिया सेंटर एवं पेड न्यूज की मॉनीटरिंग सहित निर्वाचन संबंधी अन्य गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए नोडल अधिकारियों को पूरी गंभीरता और निष्ठा के साथ आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निर्वाचन दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया, अपर कलेक्टर श्वेता पवार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार उप जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश सिंह सहित सभी नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।
बिजली करंट के झूलते तारों के बीच रहने को मजबूर हैं ग्रामीण
रायसेन।. शहर से सठी हुई पंचायत नकतरा नरवर और सांचेत के अंतर्गत आने वाली बस्ती करंट प्रवाहित डोरियों के बीच ही रहने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं ।क्योंकि यहां पर वर्षों से केबल नहीं डल सकी है ग्रामीण लम्बे समय से केबलीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी अभी ंतक केबलीकरण नहीं करा सके हैं करंट प्रवाहित तारों से हादसोें का अन्देशा बना रहता है खास बात है कि यदि किसी भी एक डोरी में शॉर्ट सर्किट होता हेै तो सम्पूर्ण डोरियां जल जाएंगी और हादसा घटित हो जाएगा। इन डोरियों के फैले होने की जानकारी अधिकारियों को भी है लेकिन फिर भी इन्हें व्यवस्थित नहीं कराई गई हैं। अधिकारी पिछले कई वर्षों से केवल आश्वासन ही दे रहे हैं वहां पर काम नहीं कराया जा रहा है।
अधिकारी बदले लेकिन स्थिति जस की तस बनी है: विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी कई बदले जा चुके हैं लेकिन उक्त गांवों की स्थिति जस की तस बनी हुई है वहां पर काम नहीं हो सका है अधिकारियों का हमेंशा एक ही जबाब रहता है कि प्रस्ताव भेजा है काम कराया जाएगा। लेकिन काम नहीं हो सका है जबकि विगत सालों में कई बार केबलीकरण व पोल शिफ्टिंग के काम किए जा चुके हैं केवल नकतरा मुंगलिया पर ही काम अधिकारी नहीं करा सके हैं। यहां के ग्रामीणों को केवल अधिकारियों के द्वारा आश्वासन ही दिया गया है खास बात है कि सरपंच से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि केबलीकरण की मांग कर चुके हैं लेकिन यहां की स्थिति नहीं सुधर सकी है।
हादसा हुआ तो कई लोग गवां सकते हैं अपनी जान: यदि किसी दिन शॉर्ट सर्किट से इस क्षेत्र में हादसा घटित होता है तो कई लोग अपनी जान तक गवां देंगे क्योंकि गली हो या घर सभी के ऊपर से
मनमानी: अकेले रायसेन में ही पचास से ज्यादा बड़े पंपों से खींचा जा रहा बेतवा का पानी
कागजों पर जल अभावग्रस्त जिला मगर हर तरफ पानी की खुलेआम चोरी
बेतवा किनारे के खेतों पर किराए के भट्टे
जगह-जगह इसी तरह पम्पों से खींचा जा रहा बेतवा का पानी।
कौड़ी नदी से बेतवा नदी के बीच बेतवा में लगा मोटर पम्प।
रायसेन।सूखी नदी में कुआं खोदकर खींच रहे पानी।कौड़ी और पगनेश्वर में कौड़ी गांव और के बीच पगनेश्वर से क्रॉस होते ही पूरी तरह सूख चुकी नदी में कुआं खोदकर उसमें मोटर पम्प डालकर पानी खींचने का दृश्य भयावह है। यह मोटर पंप भी सीधे ईंट भट्टों के लिए जा रहे हैं। नदी में पानी खत्म हो गया, लेकिन ईंट कारोबारी अपनी कमाई के लिए बेतवा नदी का सीना चीरकर उससे भी पानी खींचने से बाज नहीं आ रहे हैँ। यह भयावह दृश्य नदी पुल के दोनों ओर दिखाई देता है, लेकिन प्रशासन की नजर इस ओर नहीं जाती।
बेतवा किनारे के अधिकतर ईंट भट्टे खुद की जमीन पर नहीं बल्कि किराए की जमीन पर चल रहे हैं। बेतवा किनारे के खेत मालिक अपने खेतों की जमीन को ईंट भट्टों के लिए प्रति बीघा 70-80 हजार रुपए साल किराए पर दे देते हैं और किराएदार को खेत की सीमा में मिट्टी खोदने का अधिकार दे देते हैं। यही कारण है कि किराए से जमीन लेने वाला ईंट भट्टा संचालक मुफ्त की मिट्टी, मुफ्त के पानी से अपना लाखों-करोड़ों का व्यापार करता रहता है। इनमें से ज्यादातर के पास शासन की कोई अनुमति तक नहीं है। लेकिन नदी और शहर के लिए इससे बड़ा संकट खड़ा हो रहा है।
वर्जन….
जल संकट को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। आदेश जा उल्लंघन करने वालों और नदी-तालाबों से सीधे पानी खींचने वालों पर सख्त कार्रवाई कराएंगे।पीसी शाक्य एसडीएम रायसेन