धड़ल्ले से चल रहा मध्यप्रदेश से गुजरात तक अवैध शराब तस्करी का खेल
एमपी के तीन जिलें से आबकारी अधिकारियों की नाक के नीचे से गुजरात जा रही अवैध शराब
आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी ने किया पत्रकारिता को कुचलने का काम ?
टावर लोकेशन और आईपी एड्रेस से मालूम चलेगा, आबकारी के किस अधिकारी ने किया था कॉल ?
अवैध शराब मामले में उच्च पद पर बैठें अधिकारी बचा रहे कर्मचारियों को
भोपाल । मध्य प्रदेश में मंत्रालय से लेकर आबकारी विभाग के प्रमुख अधिकारियों के संरक्षण में धरने से शराब का अवैध कारोबार गुजरात में किया जा रहा है जिसमें मुख्य भूमिका निभाते हैं गुजरात की सीमा बॉर्डर से लगे मध्य प्रदेश के जिले जहां पर शराब ठेकेदारों के एजेंट अधिकारियों की नाक के नीचे शराब का अवैध कारोबार संचालित कर रहे । जिस पर कार्यवाही कभी कवार कर मुख दिखाई की रस्म अदा की जाती है । वही प्रतिदिन कई गाड़िया मध्यप्रदेश से गुजरात जा रही है । जो गाड़ियां किसी ने एजेंट की होती है उसे खबरी के द्वारा पकड़कर आबकारी विभाग और शासन प्रशासन का काम आसान कर देते है । जमे जकड़े शराब माफिया आसान कर देते है । मध्य प्रदेश से गुजरात शराब की तस्करी हो रही थी. अलीराजपुर के गांव छकतला की सरकारी शराब दुकान के पास बने गोदाम से अवैध तरीके से शराब गुजरात पहुंचायी जा रही थी. इसका खुलासा सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से हुआ है. वीडियो सामने आने के बाद शराब दुकान को जिले के आबकारी विभाग ने सील कर दिया है. बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने कच्चे कोयले की आड़ में अवैध शराब का परिवहन कर रहे ट्रक को जब्त किया है। ट्रक से अवैध रुप से गुजरात ले जाई जा रही 7 लाख शराब बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
क्या भोपाल संभाग के उच्च अधिकारी ने अवैध शराब की खबर लिखने पर पत्रकार को कॉल कर धमकाया ?
आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी ने किया पत्रकारिता को कुचलने का काम ?
टावर लोकेशन और आईपी एड्रेस से मालूम चलेगा, आबकारी के किस अधिकारी ने किया था कॉल ?
अवैध शराब मामले में उच्च पद पर बैठें अधिकारी बचा रहे कर्मचारियों को
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार अवैध शराब और अधिक दाम पर हो रही बिक्री रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर नए कानून बना रही । वही शासन के नियमों को दरकिनार कर भोपाल आबकारी विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी शराब ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहे जी हां ये बिलकुल सच है कि जब पत्रकार के द्वारा खबर लिखी जाती है, तो उस खबर को दबाने के लिए भोपाल संभाग के एक उच्च आबकारी अधिकारी ऐसा कृत्य कर देते है जो छोटी मानसिकता का दर्शाता है । आपको जानकर हैरानी होगी कि भोपाल में चंद दिनों पहले एक पत्रकार को सिर्फ कॉल कर इसीलिए धमकियां दी जाती है कि उसके द्वारा निरंतर अवैध शराब को लेकर खबरें प्रकाशित की जा रही थी वहीं प्राइम संदेश के सूत्रों की माने तो यहां फर्जी कॉल किसी ठेकेदार के नहीं द्वारा नहीं खुद आबकारी विभाग कार्यालय से ही किया गया है जिसकी कॉल स्टेसिंग व लोकेशन के द्वारा मालूम चलता है कि एक उच्च अधिकारी ने अपने ही कर्मचारियों को बचाने के लिए इंटरनेट की मदद से कॉल कर धमकी दी थी । कि वह पत्रकार दोबारा खबर ना लिखें परंतु आबकारी विभाग में बैठे अकाओ को यह नहीं पता कि देश के चौथे स्तंभ को कुचलना इतना आसान नहीं जितना आबकारी विभाग समझ रहा है जब इस विषय को लेकर प्राईम्स टीवी की टीम के द्वारा साइबर क्राइम में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही इस बात का खुलासा किया जाएगा कि कॉल किस नंबर से और किस लोकेशन और किस आईपी एड्रेस से किसके द्वारा कॉल की गई थी । आपको जानकर हैरानी होगी कि अवैध शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए और शराब ठेकेदारों को संरक्षण देने के लिए भोपाल के आबकारी विभाग में बैठे कुछ उच्च पद के अधिकारी इस प्रकार का कृत्य कर जाते हैं ।
भोपाल जिलें का आबकारी विभाग और शराब ठेकेदार की चल रही मिली भगत
भोपाल शहर से लेकर गांव तक शराब ठेकेदार की दादागिरी व गुंडों की फ़ौज लेकर जिलें में अपनी शराब को बेचने के लियें शराब ठेकेदार दुकान से गांव जाकर अपनी शराब बेचते है । प्रति दिन शराब की घर पहुँचा सेवा देते है । मुनाफा और टैक्स चोरी के चलते ठेकेदारो अपने नये ग्राहक अवैध शराब बिक्री के नक्शे कदम पर चलवाते है गांव- शहर में गाडियों के माध्यम से शराब भेज कर बेचने की सुविधा ठेकेदार देता है। हालांकि आबकारी विभाग को सब पता है कि किस किस गांव में भोपाल शहर में, घरों में कौन कौन अवैध शराब बेचने के धंधे मे लगा है। बावजूद इसके उन पर नही बल्कि अन्य किसी के पर अवैध बिक्री किये जाने की कार्यवाही की जाती है दूसरी ओर थानावार लगभग प्रतिदिन आबकारी एक्ट के तहत अपराध कायम तो हो रहे हैं जिससे पुलिस के रिकार्ड मे कार्यवाही के आंकड़े तो पूरे हो रहे हैं, लेकिन वास्तविकता मे अवैध शराब बिक्री रोकने का मकसद पूरा नही हो पा रहा है । इसके साथ ही जब कार्यवाही की बात आती है तो गरीब ग्रामीण की कच्छी शराब पकड़ कर आबकारी विभाग अपनी पीठ थपथपाने लग जाता है । यदि हम पूरे मध्य प्रदेश की भी बात करें तो वहां का भी किसका यही है कि जब आबकारी विभाग शराब पकड़ने जाता है तो ठेकेदार की शराब छोड़ कच्ची लहसुन महुआ शराब पड़कर वह हवाई उड़ता है ।