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कैदी के परिजन ने जेल अधीक्षक पर लगाया व पैसे छीनने का आरोप

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कैदी के परिजन ने जेल अधीक्षक पर लगाया व पैसे छीनने का आरोप

 

जिला ब्यूरो रेशमा खान

 

बैतूल बैतूल जिला जेल में पदस्थ प्रभारी जेल अधीक्षक योगेन्द्र कुमार तिवारी किसी न किसी कारणवंश विवादों से घिरे रह रहे हैं। पहले वे बैतूल जिले से रवानगी के तीन बार के स्थानांतरण आदेशों के निकलने के बाद भी बैतूल में जमे रहने के पीछे विभिन्न वजहों की वजह से विवादित रहे। कुछ ही दिन बीते अब फिर बैतूल जेल अधीक्षक योगेन्द्र तिवारी पर विचाराधीन बंदी के परिजनों ने कई तरह के बर्बरतापूर्ण रवैया और जेल के अंदर मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाकर उन्हें विवादों में डाल दिया। मामले में परिजन ने जिला एवं सत्र न्यायालय और जिला अधिवक्ता संघ के समक्ष न्याय की गुहार लगा दी है। बाकी जिला मुख्यालय से लेकर जिले से दूरदराज चारों कोनों के शहर-गांवों के प्रमुख चौक-चौराहों पर जिला जेल अधीक्षक योगेन्द्र तिवारी को लेकर चर्चाओं का बाजार अच्छा खासा गर्म है। यहां पर साहब की कार्यप्रणाली पर टीका-टिप्पणी के बीच कैदियों से अभद्र रवैये, खाने-पीने व मुलाक़ात के एवज में फिक्सिंग रकम के खेल के कारकामों को लेकर तरह-तरह की बातें सुनाई पड़ते रहती है। कुल मिलाकर अभी बैतूल जिले में चारों ओर कई लोग जेल अधीक्षक योगेन्द्र तिवारी को लेकर विभिन्न विवादास्पद बातें कर रहे हैं।

 

जेल अधीक्षक तिवारी पर परिजन ने लगाया बड़ा आरोप

 

बैतूल जेल में बंद एक बंदी के परिजन ने परेशान होकर बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला अधिवक्ता संघ को लिखित-पत्र में बंदी के साथ हो रहे अत्याचारों को दर्ज कराकर न्याय दिलाने की गुहार लगा दी है। एक बंदी के परिजन ने यहां तक दावा किया कि बंदी से प्रत्येक मुलाकात कराने के नाम पर 500/- रूपये लिये जाते हैं, राशि नही देने पर परिजनों को डराते हुए बंदी को सेन्ट्रल जेल होशंगबाद ट्रांसफर की धमकियां भी मिल चुकी है। एक बंदी के परिजन ने हमें बताया कि कैदी ने अपना दर्द परिजन को बताते हुए कहा कि जेल प्रशासन द्वारा बर्बरतापूर्ण रवैया अपनाया जाता है। कहा कि कैदियों को जेल भोजन सूची के अनुसार खाना-नाश्ता नही दिया जाता है। परिजनों के मुलाकातों के दौरान कई अटकलें लगाई जाती है। बंदी को बिना उचित कारण के भेदभाव एवं मारपीट की जाती है। परिजनों को मुलाकात कराने में भी घंटो बैठाया जाता हैं तथा मुलाकत बंद के 5 मिनट पूर्व मुलाकात करवाई जाती हैं। कुलदीप साहू ने बताया कि दिनांक 18/11/23 को बंदी संदीप साहू से मिलने उनकी माताजी रूकमणी साहू, चाची पुष्पा साहू एवं छोटा भाई अमित साहू गये थे। परन्तु, मात्र 5 मिनट ही माताजी रूकमणी साहू से बंदी संदीप साहू की मुलाकात करवाई गई। कुलदीप साहू ने बताया कि जब मेरी माता द्वारा अन्य परिजनो से मुलाकात कराने निवेदन किया गया, तो जेल अधीक्षक तिवारी ने उन्हें भला-बुरा कहकर अपमानित किया। मुलाकात नही करने दी तथा 500 रूपये अतिरिक्त रूप से देने की मांग की गई, उक्त बाते कैदी संदीप साहू ने जेल में मिलने के दौरान परिजनों को बताई थी। फोन पर भी मात्र 3 मिनट ही बात कराई जाती हैं। जिसमें भी काफी जाँच उपरांत फोन दिया जाता हैं। बताया कि जबकि अन्य बंदियों को अपने हिसाब से बातचीत करवायी जाती है, जो कि भेदभाव पूर्ण रवैया संदीप साहू के साथ जेल अधिक्षक द्वारा किया जा रहा है। परिजनों ने जिला न्यायालय से जिला जेल बैतूल में औचक निरीक्षण कर जेल अधीक्षक योगेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा विचारण बंदी संदीप साहू के साथ किये जा रहे भेदभाव रवैय की जाँच करवाकर जेल भोजन सूची का पालन करवाये जाने एवं सीसीटीवी की जाँच कर कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।

 

 

साहब की यहां बात चर्चा की धूम आज भी बरकरार

 

बीते माह पहले जब जेल अधीक्षक योगेन्द्र कुमार तिवारी के बैतूल से रवानगी के तीन-तीन बार स्थानांतरण आदेश शासन ने निकाले। बावजूद अपनी मजबूत पकड़ के बूते तिवारी ने बैतूल को पकड़े रखा और उन्होंने साबित कर दिया कि जेल शासन एक क्या तीन-तीन स्थानांतरण आदेश भी क्यूँ न निकल दे, किन्तु उनकी मजबूत पकड़ के आगे वहां कमजोर है। फिर क्या साहब को हमारे विश्वसनीय सूत्रों ने यहां कहते सुन लिया कि तिवारी स्वयं कहते फिरते हैं कि उनके मंत्री एवं जेल विभाग में उन्हीं के समाज के एक आला अधिकारी से अच्छे तालमेल है, इसलिए कम समय में उनकी पदोन्नति हुई है। उनका मानना है कि पैसों में क्या नहीं होता। इसलिये उन्होंने अपना सिंगल आदेश निकलवाया जो विभाग में अब तक चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना है कि संदीप के परिजनों के द्वारा न्याय की गुहार लगाने पर उचित जांच कर दोषियों पर कार्यवाही होती है या नहीं…?

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