सुप्रीम कोर्ट में निशा बांगरे की दिग्गज कर रहे पैरवी
बैतूल जिला ब्यूरो रेशमा खान
बैतूल( आमला) डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर पिछले कई महीनों से प्रशासनिक-कानूनी, राजनैतिक और अन्य स्तर पर सरकार से लड़ाई लड़ रही निशा बांगरे को हाईकोर्ट से पूर्ण राहत नहीं मिलने के चलते उन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जहां 19 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। यदि नामांकन के अंतिम दिवस 30 अक्टूबर तक निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ तो वो 2023 के विधानसभा चुनाव मैदान से पूरी तरह से बाहर हो जाएगी क्योंकि मध्यप्रदेश में एक ही चरण में चुनाव हो रहे हैं।
एक बार में न्यायालय में पैरवी करने के लिए भारी भरकम फीस लेने वाले देश के दो दिग्गज वकीलों ने निशा बांगरे की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के लिए याचिका लगाई है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और एडव्होकेट विवेक तन्खा इस याचिका में भी निशा बांगरे के वकील है। निशा बांगरे ने बताया कि 19 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दिन राज्य सभा सदस्य और कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता रहे कपिल सिब्बल भी उनकी तरफ से पैरवी करेंगे।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 30 अक्टूबर नामांकन के लिए अंतिम दिन है। यदि इस तारीख तक निशा बांगरे को इस्तीफे के मामले में राहत नहीं मिली तो वे चुनाव मैदान से बाहर हो जाएंगी और अभी राज्य शासन की ओर से अधिवक्तागण जिस तरह से न्यायालय में इस मामले को खींच रहे हैं उससे लगता नहीं है कि इस तारीख तक कोई अंतिम निर्णय हो पाएगा। हाईकोर्ट से निशा के पक्ष में जो आदेश हुआ था उस पर भी राज्य शासन ने अपील करके स्टे प्राप्त कर लिया है। वहीं सरकार द्वारा निशा बांगरे पर लगाए गए सभी आरोपों को उन्होंने स्वीकार कर लिया है ताकि उन्हें राहत मिल जाए। लेकिन अब यह भी मामला लटकता दिखाई दे रहा है।
जिस तरह से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में निशा बांगरे की ओर से देश के जाने-माने वकील और कांग्रेस से जुड़े हुए राज्यसभा सदस्य पैरवी के लिए खड़े हो रहे हैं उससे यह स्पष्ट है कि निशा बांगरे को मध्यप्रदेश के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर संभव सहयोग दे रहे हैं। जानकारी मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह निशा बांगरे के मामले में पूरी रूचि ले रहे हैं और इससे अब यह भी स्पष्ट हो रहा है कि 30 अक्टूबर के पूर्व निशा बांगरे सरकारी बंधनों से मुक्त हो जाती है तो आमला विधानसभा सीट से उनकी उम्मीदवारी 100 प्रतिशत तय है। वैसे भी कांग्रेस ने गत दिवस बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट को छोड़कर 4 अन्य सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।