लगातार सुर्खियों में छाई डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का हाथ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने थाम लिया हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एव पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को न्याय दिलाने का आश्वाशन दिया।
विगत 10 दिनो से आमला जिला बैतूल से भोपाल तक लगभग 300 कि.मी. संविधान की रक्षा करने के उद्देश्य से आमजनों को जागरूक करने न्याय पद यात्रा निकाल रही निशा बांगरे की यात्रा भोपाल पहुंची थी जहां से उनकी यात्रा को मुख्यमंत्री आवास तक जाना था पर बीते सोमवार को निशा बांगरे द्वारा निकाली जारही न्याय यात्रा को मुख्यमंत्री के इसारे पर मप्र पुलिस द्वारा
बोर्ड आफिस चौराहा भोपाल में बर्बरता पूर्वक रोका गया। जहां बाबा साहब की छायाप्रति को खुलेआम फाड़ा गया, प्रदेश के कथित मामा के कथित अंगरक्षकों द्वारा निर्दोष कलेक्टर भांजी के कपड़ो का चीरहरण किया गया। उसके बाद भी कथित न्याय के दरबारियों को सुकून ना मिला तो निशा बांगरे को जबरन जेल भिजवाया गया जहा बिना किसी आरोप के उन्हे 2 दिन और एक रात जेल की काली कोठरी में काटना पड़ा।
जिससे व्यथित मप्र की आमजनो की गुहार सुन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एव राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तत्काल ही प्रदेश वासियों की लाड़ली बहन बन चुकी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे से मुलाकात कर उन्हें उचित न्याय दिलाने का ठोस आश्वाशन देकर संविधान के साथ खिलवाड़ करने वाले सरकार के नुमाइंदों को चेतातें हुए कहा की समय किसी एक का नही होता।
वही राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा की मप्र के प्रमुख सचिव का रवय्या आधिकारिक ना होते हुए संपूर्ण राजनीतिक हैं और आज प्रदेश में आचार संहिता लग हुई हैं। जिसके बाद भी वो भाजपा के एजेंट स्वरूप काम कर रहें जो की लोकतंत्र की हत्या को प्रमाणित करता है। ऐसे विभागीय प्रमुख अधिकारी के नेतृत्व में स्वतंत्र चुनाव केसे संभव हो सकता हैं। हम इस मुद्दे को लेकर जल्द ही चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट जायेंगे।
वही गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, व विधायक जिग्नेश मेवाणी,मप्र शासन के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल,पूर्व मंत्री पीसी शर्मा,बैतूल विधायक निलय डागा,कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल सहित देश प्रदेश के कई दिग्गज नेता व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा की लाडली भांजियो के कथित मामा का मप्र में ये दोहरा चरित्र सार्वजनिक होगया हैं। जहा एक दलित महिला डिप्टी कलेक्टर को न्याय मांगने के दौरान इस प्रकार प्रताड़ित किया जा सकता है तो ऐसे प्रदेश में आमजनता विशेष रूप से महिलाएं कैसे सुरक्षित रह सकती हैं।
हम इसकी कड़ी निन्दा करते हैं।