*मुंबई से दुबई जाना था, ट्रैवल एजेंट ने धोखा दे पहुंचाया पाकिस्तान, 22 साल बाद भारत आईं हमीदा,*
मुंबई : 22 साल पहले ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो सोमवार रात अपने वतन लौट आईं। उन्हें पंजाब के वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लाया गया। स्वदेश लौटने के बाद हमीदा ने बताया कि वह दुबई जाने के लिए निकली थीं, लेकिन उन्हें मानव तस्करी में पाकिस्तान भेज दिया गया। उन्होंने अपने जीवन के 22 साल पाकिस्तान में बिताए हैं। वहां उन्होंने शादी भी की। करीब दो साल पहले एक यूट्यूबर के जरिए उन्हें भारत भेजने की कवायद शुरू की गई। इसके बाद इतना समय कागजी कार्रवाई और जांच-पड़ताल में लग
मुंबई से दुबई जाना था, ट्रैवल एजेंट ने धोखा दे पहुंचाया पाकिस्तान, 22 साल बाद भारत आईं हमीदा,
पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो 22 साल बाद वापस अपने वतन लौटी हैं। भारत पहुंचने पर व्हीलचेयर पर बैठी हमीदा को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया। वह वाघा बॉर्डर से भारत आई हैं। हमीदा का घर मुंबई में हुआ करा था। एक यूट्यूबर की मदद से वह भारत आ पाई ह
मुंबई : 22 साल पहले ट्रैवल एजेंट के झांसे में आकर पाकिस्तान पहुंचने वाली भारतीय महिला हामिदा बानो सोमवार रात अपने वतन लौट आईं। उन्हें पंजाब के वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लाया गया। स्वदेश लौटने के बाद हमीदा ने बताया कि वह दुबई जाने के लिए निकली थीं, लेकिन उन्हें मानव तस्करी में पाकिस्तान भेज दिया गया। उन्होंने अपने जीवन के 22 साल पाकिस्तान में बिताए हैं। वहां उन्होंने शादी भी की। करीब दो साल पहले एक यूट्यूबर के जरिए उन्हें भारत भेजने की कवायद शुरू की गई। इसके बाद इतना समय कागजी कार्रवाई और जांच-पड़ताल में लग गए।
मुंबई में कुर्ला स्टेशन के पास घर था
हमीदा बानो ने बताया कि उनके पिता गुल मोहम्मद थे और मां अमीना बेगम। उनके 4 भाई और 3 बहनें थीं। उनका घर मुंबई के कुर्ला रेलवे स्टेशन के पास कुरेश नगर में पहाड़ी पर था। उनकी शादी हो गई थी, जिससे उनके 2 बेटे यूसुफ और फजल और साथ ही दो बेटियां यासमीन और परवीन पैदा हुए। पति की मौत हो गई तो उन्होंने बच्चों के पालन-पोषण के लिए विदेश जाने का मन बनाया। उन्होंने बताया कि वह पहली बार 2000 में भारत से दोहा (कतर) गईं, जहां उन्होंने 9 महीने गुजारे।
पाकिस्तान में हैदराबाद पहुंचाया गया
हमीदा ने बताया कि भारत से निकले जहाज में करीब 500 महिलाएं थीं, जो भारत के विभिन्न राज्यों से थीं। उन्हें पाकिस्तान के हैदराबाद पहुंचाया गया। वहां कैंप में तीन महीने काटे। फिर छोड़ दिया गया। मेरे पास कुछ पैसे थे, जिन्हें मैंने सलवार में छिपा लिया था। जब कैंप से छोड़ दिया गया तो हैदराबाद से इस्लामाबाद पहुंची। वहां एक सिंधी आदमी परेशान करता रहा। उससे तंग आकर मौलवी के पास गई। मौलवी ने मुझे निकाह करने की सलाह दी।