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मुहर्रम त्यौहार को लेकर चर्चा थाने में हुई शांति समिति की बैठक

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हेडलाइन

 

मुहर्रम त्यौहार को लेकर चर्चा थाने में हुई शांति समिति की बैठक

 

दैनिक प्राईम संदेश कोरिया छत्तीसगढ़ अजीमुदिन अंसारी

 

कोरिया जिला के बैकुंठपुर के अंतर्गत आने वाला चर्चा थाना में आजअनुविभागीय दंडाधिकारी बैकुंठपुर दीपिका नेताम एवं पुलिस अनुभागीय अधिकारी श्रीमती कविता ठाकुर, श्याम मधुकर के नेतृत्व में आज दिनांक 11.7.2024 को थाना चर्चा में नगर पालिका शिवपुर चर्चा के नेता प्रतिपक्ष

अरुण जायसवाल एवं अन्य गणमान्य नागरिक एवं हिंदू एवं मुस्लिम समुदाय के उपस्थिति में आगामी दिनांक 15.7.2024 को एवं 17-7.2024 को मुस्लिम समुदाय के द्वारा मोहर्रम का त्यौहार मनाया जावेगा जिसमें निर्भीक रूप से मनाए जाने हेतु अधिकारियों के द्वारा निर्देशित किया गया तथा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी निर्विघ्न रूप से मुहर्रम त्यौहार मनाए जाने का निश्चय किया है तथा हिंदू समुदाय के लोगों ने त्यौहार मनाने में सहयोग जताने का भरोसा दिलाया है थाना प्रभारी चर्चा प्रमोद पांडे के द्वारा यह मीटिंग आयोजित की गई थी आपको बता दें कि यह त्यौहार हजरत इमाम हसन एवं इमाम हुसैन की याद में बनाई जाती है मोहर्रम माह में ही इराक के कर्बला के धरती पर 1442 हिजरी पूर्व हुसैन अली मकाम कि 72 जांनिशारों के साथ शहादत हुई थी तभी से उनकी याद में यह मोहर्रम के त्यौहार मनाई जाती है वैसे इस्लामी साल के मुताबिक मोहर्रम साल का पहला महीना माना जाता है आपको बता दे की रियाजीद नामक व्यक्ति ने उसे जमाने में हुसैन अली मुकाम को धोखे से कुफा बुलाया था और हुसैन अली मकाम से यह चाहता था कि उसके गलत कृतियों को उनकी सहमति मिल जाए पर हुसैन अलीमकाम ने सर कटाना बेहतर समझा और उसकी गलत चीजों को हामी भरना अपने कुरान के वसूल के खिलाफ चीजों को कबूल नहीं किया तरह-तरह के जुर्म ढाऐगए हुसैन आलि मकाम पर और उनके घर वालों पर यहां तक की 6 माह की बच्चा अली असगर को भी जालिमो ने शहीद कर दिया पर हुसैन अलैहिस्सलाम ने बाल बच्चों के माया मुंह में नहीं आए और सही को सही और गलत को गलत ही मानते रहे उसी का नतीजा है कि आज हुसैन हर एक के दिलों में छाए हुए हैं और यजीद दुनिया से ऐसे मारा कि आज भी कोई यजीद नाम का व्यक्ति पूरे दुनिया में दिखाई नहीं देता और ना ही कोई अपने बाल बच्चों को यजीद नाम रखना चाहता है क्योंकि इंसानी नस्ल में यह सबसे गंदा नाम है ।

किसी शायर ने क्या खूब कहा है कि अभी कौम को बेदार तो हो जाने दो

हर कौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन

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