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अकीदत के साथ खुशगवार माहौल में मनाया गया ईद- उल- फितर

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के आर कौशिक ब्यूरो सरगुजा अंबिकापुर अकीदत के साथ खुशगवार माहौल में मनाया गया ईद- उल- फितर

 

के आर कौशिक प्राइम संदेश अंबिकापुर जिला सरगुजा ब्यूरो *लखनपुर +सरगुजा* स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुशगवार माहौल में पूरे अकीदत के साथ ईद- उल- फितर का त्यौहार 11 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाया ।

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बाकायदा ईदगाह में ईद की नमाज अदा किये। बरोज जुमेरात के सुबह 9:00 बजे काफी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में ईद की नमाज अदा करने हाजिर हुये। जहां जामा मस्जिद के पेश इमाम अमीरुद्दीन कादरी ने कौम के लोगों को ईद की नमाज पढ़ाया। तथा ख़ुदा के बताये नेक राह पर चलने की नसीहत दी। बताया कि जो पवित्र रमजान महिने में पूरे सच्चे ईमानदारी से रोजा रखते हुए अल्लाह को याद करते हुए नेक राह में चलना चाहिए। ईदगाह में लोगो ने एक दूसरे के गले मिल कर ईद- उल- फितर की मुबारकबाद दिये।कौम के लोगों ने अपने सजदा ऐ ईबादत में मुल्क के अमन चैन खुशहाली आपसी भाईचारे के लिए दुआ मांगे। दरअसल ईद- इंसानियत,सच्चाई ईमानदारी,का मिशाल है। लिहाजा कौम के लोगों ने जरूरत मंदों को भोजन कपड़े तकसीम किया जाता है

ईद त्योहार पर एक दूसरे को सेवईया मिठाई खिलाई गई। ईदी के शक्ल में बच्चों नजराना दी गई।

पवित्र रमजान के दिनों में समुदाय के लोग मस्जिदों में जाकर अल्लाह की इबादत भी किये।

27 वें रमजान को हाफिज महताब आलम के द्वारा तराबी खत्म की गई। तराबी खत्म करने के बाद तराबी पढ़ाने वाले हाफिज को 51,000 का नजराना दिया गया। फुल माला पहनाकर उनका रुख्स्ती किया गया। इस्लाम के मुताबिक माहे रमजान के 30 दिन रोजा उपवास को पूरे करने के बाद शव्वाल महिने के पहले तारीख को ईद-उल-फितर मनाये जाने की रवायत रही है। ईद त्यौहार से पहले रमजान के आखिरी जुमे को अलविदा का नमाज भी इमाम के द्वारा पढ़ाई गई । ईद के दिन जूनाडी बंधा मजार शरीफ हजरत जमासाह रहमतुल्लाह अ,के दरगाह शरीफ जियारत के लिए लोगों का ताता लगा रहा व अपने पूर्वजों के कब्रिस्तान में फातिया भी पढ़ी गई

दौरान नमाज अदायगी कमेटी के सदर हाजी कयामुद्दीन अंसारी नायब सदर हाफिज शाकिर अंसारी सेक्रेटरी समीम खान बल्लू खजांची समीम खान नईमुलहक अंसारी मौलाना हसन रजा हाफिज शमशीर आलम हाफिज सफीउल्लाह साहब कमेटी के सदस्य व मुस्लिम समुदाय के बच्चे बुजुर्ग काफी संख्या में उपस्थित रहे।

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