Breaking News in Primes

क्या मध्यप्रदेश का आबकारी विभाग चल रहा भ्रष्ट अधिकारियों के भरोसे ?

0 569

क्या मध्यप्रदेश का आबकारी विभाग चल रहा भ्रष्ट अधिकारियों के भरोसे ?

 

लोकायुक्त जांच और भ्रष्टाचार जैसे कई मामलों में लिप्त अधिकारी संभाल रहे फील्ड में काम

 

सूत्रों की माने तो संभागीय स्तर के आबकारी अधिकारी ने दी थी कॉल करके पत्रकार को गाली व धमकी ?

 

मध्यप्रदेश में ठेकेदार के इसारे पर नाच रहे आबकारी अधिकारियों

 

मनीष कुमार राठौर / 8109571743

 

भोपाल । मध्य प्रदेश आबकारी विभाग में अनेक अनियमिताएं होने के बाद भी ऐसे कई अधिकारी और कर्मचारियों को फील्ड में उतर जा रहा है जिनके ऊपर लोकायुक्त और विभागीय जांच चल रही है इन जांच में कुछ तो दोषी है और कुछ को गुप्त रूप से बचने का प्रयास विभाग के द्वारा ही किया जा रहा है । आखिर क्या कारण है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को आबकारी विभाग संरक्षण देते हुए फील्ड में उतर कर काम करवा रहा है ? क्या मध्यप्रदेश आबकारी विभाग में कर्मठ और जुझारू अधिकारियों की कमी हो गई है ? जो भ्रष्टाचार, रिश्वत जैसे अनेक मामलों में लिप्त होने पर भी फील्ड में काम कर रहे हैं । आखिर इन अधिकारियों को किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा है ? ऐसे कौन राजनेता और अधिकारी है जो इस प्रकार के लोगों को बचा रहे हैं ? मध्य प्रदेश में एक तरफ धड़ल्ले से अवैध शराब और अधिक मूल्य पर शराब की बिक्री की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बुरहानपुर के रास्ते गुजरात में अवैध शराब भेजी जा रही है ? वहीं इतने भ्रष्टाचार पर भी अधिकारियों का मन नहीं भरता है तो ठेकेदार को खुली छूट देते हुए नकली शराब भी धड़ल्ले से बनाई जा रही है । जिसका ताजा मामला खंडवा में देखने के लिए मिला जहां पर जहरीली शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं दूसरा व्यक्ति गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है और जब इन मामलों को लेकर देश का चौथा स्तंभ आवाज उठाता है तो उसकी आवाज कुचलने के लिए भोपाल जिले में बैठे अधिकारी पत्रकार को दबाने के लिए फेक कॉल कर प्रताड़ित करते हैं क्या मध्य प्रदेश का सरकारी सिस्टम इतना लाचार हो गया है कि पत्रकार को भी डरावनी धमकाने और गाली गलौज करने से बाज नहीं आ रहा है । आखिर किन अधिकारियों के कहने पर पत्रकार को कॉल कर धमकाया और गाली गलौच की गई थी ?

 

भोपाल में आबकारी विभाग में धृतराष्ट्र बनकर बैठे अधिकारियों के कारण ही देश का चौथा स्तंभ बार बार शर्मशार हुआ है ? आखिर किन अधिकारियों के कहने पर पत्रकार के साथ किया ये हादसा ? क्या इन अधिकारियों को शराब माफियाओं का संरक्षण है ? मध्यप्रदेश की राजधानी में इतनी बड़ी घटना हो जाती है और बंद कमरे में प्रेस कांफ्रेंस कर आबकारी विभाग को लगता है कि वो इस मामले से बच सकते है तो यह सोचने वाले अधिकारियों को सचेत हो जाना चाहिए की दैनिक प्राईम संदेश इस प्रकार की खबर को प्रमुखता से उठाता है पर्दा फाश करता आया है ? आपको जानकर हैरानी होगी की शहर में शराब माफियाओं के खिलाफ खबर लिखने पर धमकी मिलने लग जाती है ! क्या आबकारी विभाग अब गुंडा बन गया है ?

 

शराब माफिया की गुंडागर्दी का शिकार बने अमित सेन अपने ही मामले में पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली से खिन्न हैं, उनका कहना है कि एक महीने से भी अधिक समय मे पुलिस की जांच का बेनतीजा रहना पुलिस की सुस्ती को उजागर कर रहा है। उन्होंने पुलिस द्वारा जानबूझकर आरोपी को बचने का समय देने की शंका जाहिर करते हुए कहा कि, एक पत्रकार के मामले में पुलिस के लचर रवैये से यह आंकलन किया जा सकता है कि आम ग्रामीणों के प्रकरण पर पुलिस कैसे कार्यवाही करती होगी।

 

 

क्या कहना है ।

 

 

पत्रकार से साथ इस प्रकार का मामला हुआ है तो इस मामले को जांच होगी यदि एसपी के संज्ञान में मामला है तो मैं इसको दिखवाता हूं ।

 

अभय सिंह आईजी देहात भोपाल

 

आबकारी आयुक्त भोपाल से जब लोकायुक्त और विभागीय जांच के संबंध में प्राइम संदेश के द्वारा मालूम करना चाहा कि किन अधिकारी कर्मचारियों पर मामले दर्ज है या जांच चल रही है तो इस विषय पर कॉल रिसीव नहीं किया गया

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!