शराब माफियाओं के खिलाफ नही लगा भोपाल पुलिस के हाथ कोई सुराग
कॉल हिस्ट्री की जांच के बाद निकल कर आयेंगे चौकाने वाले खुलासे, जल्द होगी बड़ी कार्यवाही
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
भोपाल । राजधानी जैसे शहर में यदि पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो आप अंदाजा लगा सकते है की मध्यप्रदेश के दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र में देश के चौथे स्तंभ की क्या दुर्दशा होगी ? शराब माफियाओं के खिलाफ खबर लिखने पर जब भोपाल में पत्रकार की धमकी मिल सकती है तो बाकी स्थानों की बात करने से क्या फायदा जब भोपाल पुलिस ही आज दिनांक अज्ञात नंबर से आए कॉल का पता नही लगा पाई है तो । आबकारी विभाग में ऐसे कौन से अधिकारी कर्मचारी है जिनको खबर लिखने पर इतनी तकलीफ हुई जो अज्ञात नंबर से कॉल करके पत्रकार को धमकी दी गई, जबकि एक महीने बीत जाने के बाद भी भोपाल जिलें की हाई टेक पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है, इससे कही न कही पुलिस की नाकामी उजागर होती दिखाई दे रही है । भोपाल पुलिस में ऐसे कौन अधिकारी है जो शराब माफियाओं के इशारे पर काम कर रहे जिनकी कॉल हिस्ट्री निकाल कर अज्ञात अपराधियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रहे है ।
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एफआईआर दर्ज होने के बाद भी भोपाल पुलिस दे रही आबकारी विभाग को संरक्षण
आपको बता दे की भोपाल जिले में अवैध शराब बिक्री को लेकर पत्रकार के द्वारा खबर लिखने पर पत्रकार को अज्ञात नंबर से कॉल कर धमकी मिलने पर एफआईआर होने के बाद भी आबकारी विभाग और पुलिस विभाग मूक दर्शक बन के बैठा है । आपको बता दे की आज फिर होने को 1 महीने हो चुके हैं परंतु भोपाल पुलिस विभाग के अधिकारी कार्यवाही करने से बच रहे आखिर क्या कारण है कि आबकारी विभाग में चल रहे माफिया राज की कॉल हिस्ट्री ना निकलते हुए पुलिस अधिकारियों को संरक्षण दे रही है ।