- घोटालों और भ्रष्टाचार के मामले में हरदा पीएचई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
27 साल से पदस्थ उपयंत्री से सहायक यंत्री बने अधिकारी की क्या होगी संपत्ति की जांच !
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
हरदा/भोपाल । हरदा जिलें में पीएचई विभाग के ये है उपयंत्री जो किसी मंत्री से कम नहीं है आप ने नाम तो सुना ही होगा जयस ठाकुर ऐसा इसलिए बता है रहे है क्योंकि जिलें में कई, मंत्री, विधायक, सांसद आए और चले गए परंतु 27 साल से पदस्थ उपयंत्री जयस ठाकुर जो उपयंत्री से तीन जनपद के सहायक यंत्री बन गए परंतु टस के मस नहीं हुए । आखिर ऐसा क्या कारण है कि साहब को हरदा जिला इतना भा रहा है, जबकि जिलें कई नेताओं की राजनीति शुरू हुई और खत्म भी हो गई जबकि यह महाशय यही रह गए क्योंकि इनके कार्यकाल में तीन जनपद क्षेत्र में हुए जल जीवन मिशन, नल जल योजना, भूजल संवर्धन एवं पुनर्भरण कार्यक्रम, आदिवासी उपयोजना, हैण्डपंप योजनाओं से बसाहटों का आच्छादन, में इतने घोटाले और भ्रष्टाचार हुए है कि जिसकी गूंज मंत्रालय सहित ईएनसी तक मालूम है परंतु ऊपर पहुंच रहे प्रसाद के कारण कार्यवाही सिर्फ खानापूर्ति की होती वही आपको बता दे कि इनके हटाते ही राज्य स्तरीय जांच बैठ जायेगी जिसकी वजह से कई बड़े नाम उजागर हो जायेंगे जिस वजह से उपयंत्री के स्थान को परिवर्तन करने की इक्षा ऊपर से भी नही है । 27 साल के कार्यकाल में कार्यों की गुणवत्ता और कार्यों का मूल्यांकन किया जाए तो कई अधिकारी निपट जायेंगे वही ऊपर पहुंच रहे प्रसाद का भी पिटारा खुल जायेगा, 27 कार्य तो ऐसे है जैसे हुए ही नही परंतु बिलों का भुगतान बराबर समय से हुआ है । हरदा जिलें की लोधीढाना, कचनार, ढेगा, ठेमरू बाहर, गुलर ढाना, गोराखाल, पोखरनी, रिचगांव, खिड़की बाला, नौसर, पोखरनी बाजनीया,टेमागांब, रहटगांव, सोडलपुर, चन्द्र खाल , कायदा, कुमरूम, सहित अन्य गांव में हुए निर्माण कार्य की जल्द जांच होने की संभावना है ।
हरदा में पीएचई विभाग के कार्यों को पलीता लगाते उपयंत्री
मध्य प्रदेश का हरदा जिला जहां पर पीएचई विभाग में पनप रहे घोटालों की कहानी बड़ी लंबी है परंतु 27 साल से उपयंत्री से सहायक यंत्री से बने जयस ठाकुर जिनके पास में हरदा जिले की तीन जनपद पंचायत का चार्ज है जिनके जिम्में ग्रामीण क्षेत्रों में जनता की प्यास बुझाने के लिए भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना का संचालन किया जा रहा है कि क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाई जा सके वही सहायक यंत्री जयस ठाकुर अपनी ही प्यास बुझाने में लगे हैं ? क्योंकि जिले में हुए गावों में निर्माण कार्य की गुणवत्ता इतनी घटिया स्तर की है कि यहां पर नल तो खड़े हैं परंतु टोटी गायब है, स्टैंड पोस्ट तो हैं परंतु उखड़े पड़े हुए हैं, पानी की पाइप लाइन बिछी है वह भी सड़कों के ऊपर तो कहीं पर नल जल योजना के पाइप छत पर लटकते दिखाई दे रहे है । वही घर की दीवार में लटके पाईप के फोटो वीडियो साफ साफ भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे है । ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई दे रहे निर्माण कार्य से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उपयंत्री के द्वारा जिन कार्यों का मूल्यांकन और गुणवत्ता की जांच की गई है वह सिर्फ कागजों में ही है यदि जमीनी स्तर पर जांच की जाए तो पता चलेगा की उन कार्यों में आधे से ज्यादा जगह पर ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है, कहीं पर टंकियों में ताले लटके पड़े हैं, तो कहीं पर पानी के पाइप को ही लटका दिया गया है । जब इस तरीके से निर्माण कार्य हुआ है तो आप भ्रष्टाचार और घोटालों का अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे की किस कदर यहां पर सुनियोजित तरीके से घोटाले को अंजाम दिया गया है वह इन घटिया निर्माण कार्य की उच्च अधिकारियों के बात पहुंचाई जाती है तो उनके कानों पर जूं तक नहीं रैंगती है क्योंकि चढ़ावा समय-समय पर चढ़ाया जा रहा होता है। तभी तो संभागीय और क्षेत्रीय स्तर पर बैठें अधिकारी छुट्टी होने का बहाना बताते है जबकि कार्यालय दिवस में भी जानकारी देनें के बाद भी आज तक कार्यवाही नही की गई । जिसका खामियाजा आज नर्मदापुरम संभाग की जनता भुगत रही है ।
क्या कहना है ।
बड़ी कार्यवाही की जाएगी, कल विस्तार से बात करते है अभी एक मीटिंग में हूं ।
मलय श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव पीएचई मध्यप्रदेश
रविवार कॉल न करें सोमवार करें । रविवार को जानकारी नहीं दी जा सकती क्योंकि कार्यालय में नही होते है ।
राजेंद्र हिरोडिया भोपाल क्षेत्र
प्रमुख अभियंता पीएचई