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पुलिस तथा स्टेट बैंक द्वारा सायबर धोखाधड़ी के विषय में किया गया जागरूक।

पुलिस अधीक्षक ने प्रचार रथ को झण्डी दिखाकर किया रवाना,नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को किया जाएगा जागरूक

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पुलिस तथा स्टेट बैंक द्वारा सायबर धोखाधड़ी के विषय में किया गया जागरूक।

 

पुलिस अधीक्षक ने प्रचार रथ को झण्डी दिखाकर किया रवाना,नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को किया जाएगा जागरूक ।

 

अरविंद सिंह परिहार सीधी

 

 

आम लोगों को सायबर धोखाधड़ी एवं अपराधों से बचाने के लिए पुलिस विभाग तथा भारतीय स्टेट बैंक द्वारा संयुक्त रूप से जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जागरूकता अभियान में लोगों को सायबर क्राइम डिजिटल अरेस्ट, आधार वेरीफिकेशन, लोन का दावा, ईनाम का लालच, पुलिस अरेस्ट की धमकी, बैंक की ओटीपी, ईमेल पर लिंक वेरीफिकेशन, फेसबुक हैक होना, रूपये डालने का लालच, निवेश टिप्स, वीडियो कॉल से फ्रॉड के संबंध में तथा बचाव के तरीकों के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। सीधी जिले में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में पुलिस अधीक्षक डॉ. रविन्द्र वर्मा के मुख्य आतिथ्य में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने हरी झण्डी दिखाकर प्रचार रथ को रवाना किया। जिसके माध्यम से कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया गया। आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक डॉ रवीन्द्र वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में सायबर अपराध पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है। जन जागरूकता के माध्यम से ही इससे बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में डिजिटल तकनीकी को तेजी से विस्तार हुआ है। इसके साथ ही एक समानान्तर डिजिटल वर्ल्ड भी विकसित हुआ है। जहाँ एक ओर तकनीकी ने हमारी जिन्दगी को आसान किया है उसी के साथ नए खतरे भी उत्पन्न हुए है। सायबर अपराधों मे अपराधियों की पहचान करना एक चुनौती भरा काम है। पीड़ित व्यक्तियों को भी यह जानने में समय लग जाता है कि उनके साथ अपराध घटित हुआ । कई मामलों में अपराधी दूसरे राज्यों और दूसरे देश से इस घटना को अंजाम देते हैं, इसलिए हमको हर समय सचेत रहने की आवश्यकता है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अपराधी हमारे डर और लालच का फायदा उठाकर हमारे साथ धोखाधड़ी करते हैं जिसके कारण पीड़ित को आर्थिक तथा मानसिक क्षति होती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह आभास हो कि आपके साथ कोई सायबर अपराध हो गया है तत्काल इसकी शिकायत सायबर हेल्पलाइन नं. 1930 एवं एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज करायें। साथ ही अपने नजदीकी थाने या सायबर सेल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी संपर्क करें। आप जितनी जल्दी शिकायत दर्ज करायेंगे अपराधियों को पकड़ने में उतना ही सहायक होगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इसमें बैंकों की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है। सायबर धोखाघड़ी के मामलों में बैंक पुलिस को पूरा सहयोग करें जिससे पीड़ित व्यक्ति को राहत मिल सके।

प्रधान शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक प्रतिमान मिश्रा ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पुलिस के साथ मिलकर उपभोक्ताओं के बचाव के लिए यह जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बैंक द्वारा कभी भी फोन के माध्यम से ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी नहीं मांगी जाती है। न ही फोन के माध्यम से लोन या अन्य सुविधाएं दी जाती है। ऐसे फोन से अत्यन्त सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस प्रकार के कार्यों के लिए बैंक शाखा से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए 18001109 टोल फ्री नम्बर की सुविधा दी है। सायबर धोखाधड़ी होने पर उक्त नम्बर में शिकायत अवश्य दर्ज करायें।

सहायक संचालक जनसंपर्क विभाग मुकेश मिश्रा ने कहा कि सायबर अपराधों से बचाव के लिए हमें हर समय सतर्क और सचेत रहने की आवश्यकता है। हमारी थोड़ी सी असावधानी हमारे लिए घातक हो सकती है। किसी भी अनजान नम्बर का वाट्सएप वीडियो काल या काल नहीं सुने। स्वयं भी जागरूक हों तथा अन्य लोगो को भी जागरूक करें। कार्यक्रम में सायबर सेल प्रभारी प्रदीप मिश्रा द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

इसके पश्चात् प्रधान प्रबंधक प्रतिमान मिश्रा के नेतृत्व में जिला पंचायत सभागार में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सायबर अपराधों के विषय में जागरूक किया गया।

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