महिदपुर को मिला न्याय का नया मतलब*_ *पास्को एक्ट के झूठे मुकदमे को हाई कोर्ट ने निरस्त किया, सुभाष ठाकुर को वर्णित अपराध से भी मुक्त कर दिया!*
*पोर्टल न्यूज*
◼️लोकेशन : महिदपुर
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_*महिदपुर को मिला न्याय का नया मतलब*_
*पास्को एक्ट के झूठे मुकदमे को हाई कोर्ट ने निरस्त किया, सुभाष ठाकुर को वर्णित अपराध से भी मुक्त कर दिया!*
• *महिदपुर (उज्जैन)*
कस्बे के प्रतिष्ठित दूध व्यवसायी और चिंतामन गणेश मंदिर के अध्यक्ष सुभाष ठाकुर को बदनाम और ब्लैकमेल करने की कोशिशों को करारा जवाब मिला है! राजनीतिक दबाव और छवि खराब करने के षड्यंत्र को भी माननीय उच्च न्यायालय ने सिरे से खारिज कर दिया है! साजिश के तहत लगा पॉस्को एक्ट का झूठा मुकदमा भी रद्द कर दिया है!
सत्य और न्याय की इस निर्णायक विजय को लेकर महिदपुर की जनता में हर्ष और प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। राजनीतिक रंजिश का अकारण शिकार बने दुग्ध व्यवसायी पर पुलिस ने भी पॉस्को एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया था। चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस ने झूठे साक्ष्य जुटाए, कागजों में हेरफेर किया, गवाह और सबूत के नाम पर हितबद्ध चेहरों को खड़ा कर दिया। साजिशें जब परवान चढ़ीं, तो मुकदमे के जरिए धर्म, समाज और व्यवसाय के प्रतिनिधि चेहरे की छवि को सोची-समझी रणनीति के तहत बदनाम भी कर दिया गया।
इस घटनाक्रम के बाद से ही शहर का माहौल गरमाया हुआ था। अखंड हिन्दू सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष द्वारा झूठ और साजिश के इस कुचक्र के विरोध में महिदपुर बंद भी किया गया था। इसके बाद सुभाष ठाकुर के पक्षकार द्वारा महिदपुर न्यायालय में अग्रिम जमानत लगाई गई थी। इसे न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया था! शहर के वकीलों, शिक्षाविदों, व्यापारियों, कारोबारियों और बुद्धिजीवियों ने लगातार बैठकें कर यह निर्णय लिया कि अब माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली जानी चाहिए। इस सामूहिक निर्णय के पश्चात झूठ की बुनियाद पर राजनीतिक द्वेषता के मुकदमे को निरस्त करने के लिए इंदौर उच्च न्यायालय में धारा 482 का आवेदन दिया गया। सुनवाई करते हुए शनिवार को उच्च न्यायालय द्वारा बालिका की मार्कशीट की जन्म तारीख को मान्य करते हुए उसे बालिग माना और महिदपुर थाने में दर्ज किया पॉस्को एक्ट के मुकदमे को भी निरस्त कर दिया। माननीय उच्च न्यायालय ने वर्णित अपराध से भी सुभाष ठाकुर को मुक्त कर दिया है।
*सोशल मीडिया पर छाया – “सत्य की जीत” का पर्चा*
उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद सोशल मीडिया पर “सत्य की जीत” की पोस्ट वायरल होने लगी। चिंतामन गणेश समिति से जुड़े भक्तों और श्रद्धालुओं ने मिठाई वितरण कर साजिश की पराजय का विजय दिवस मनाया। सोशल मीडिया पर दर्ज हुई प्रतिक्रियाओं में न्याय की जीत, साजिश की हार, वर्दी पर दाग, गणेश जी कृपा, दूध का दूध पानी का पानी, संदेह की सियासत जैसे बयान सामने आने लगे! उल्लेखनीय है कि सुभाष ठाकुर ने दुग्ध व्यवसाय के जरिए इलाके को नई पहचान दी है। सैंकड़ों लोगों को रोजगार देने वाले व्यक्ति के खिलाफ झूठे मुकदमे से स्थानीय लोगों में आक्रोश बना हुआ था। फैसले के बाद सुभाष ठाकुर ने मीडिया को कहा कि सत्य और असत्य की इस लड़ाई में उन्हें अपने चिंतामन गणेश जी पर पूरा विश्वास था।