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उदासीनता: एक बार फिर शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल संचालकों को भेजे नोटिस जानकारी नहीं दी तो लगेगा पांच गुना अर्थदंड

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उदासीनता: एक बार फिर शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल संचालकों को भेजे नोटिस जानकारी नहीं दी तो लगेगा पांच गुना अर्थदंड

शिक्षा विभाग पर भारी पडे़ निजी स्कूल, नहीं दी ऑनलाइन फीस की जानकारी…..इस तरह वसूला जाना है जुर्माना

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

 

रायसेन। जिले में निजी स्कूलों की बाढ़ सी आ गई है। गली-कूचों में स्कूल खुल गए हैं। जिनके पास न तो खेल के मैदान हैं और न ही विद्यार्थियों के लिए कोई दूसरी सुविधाएं। फीस और ड्रेस के नाम पर बच्चों के अभिभावकों को निजी स्कूल संचालकों द्वारा जमकर लूटा जा रहा है।

इस मनमानी को रोकने के लिए जिला शिक्षा विभाग उन पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से ऑनलाइन फीस की जानकारी मांग रहा है। लेकिन पन्द्रह दिन बाद भी एक भी निजी स्कूल संचालक ने शिक्षा विभाग को ऑनलाइन फीस की जानकारी देना तक मुनासिब नहीं समझा। इससे साफ है कि शिक्षा विभाग पर निजी स्कूल संचालक भारी पड़ रहे हैं। वे प्रदेश सरकार और स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों का आदेश मानने को तैयार नहीं हैं। इधर शिक्षा विभाग भी उनके प्रति नरमी दिखा रहा है। विभाग ने एक बार फिर निजी स्कूल संचालकों के नाम पर जारी पत्र में ऑनलाइन फीस के रेकार्ड 18 जून तक तैयार करने के आदेश दिए हैं। रेकार्ड के बाद अधिकारियों की एक टीम वहां जाकर जांच करेगी। यदि फीस के आंकड़ों में अंतर आया या किसी भी तरह की हेराफेरी मिलेगी तो उससे पूर्व के जुर्माने की राशि से पांच गुना जुर्माना वसूला जाएगा। विभाग के अधिकारियों का उद्देश्य यह था कि इससे किताबों में कमीशनखोरी और फीस के मामले में मनमानी नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही अभिभावकों से मनमानी वसूली रुक जाएगी।

दो बार मौका दिया लेकिन कोई जवाब नहीं

निजी स्कूल के प्रबंधन द्वारा मनमाने तरीके से बच्चों की स्कूल फीस बढ़ाने और उनकी किताब खरीदने के मामले को लेकर समय-समय पर कई अभिभावकों द्वारा अपनी शिकायतें दर्ज कराने के बावजूदकोई दण्डात्मक कार्रवाई की जाना समझ से परे है।

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