यह दोहरा झटका: बिजली के खंभे पर लाइन सुधारते वक्त लगा करंट से स्थाई कर्मियों की मौतें
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
*मध्य प्रदेश जिला रायसेन*
करंट लगने से पहले पतियों को खाया अब बच्चों की परवरिश में घर गिरवी रख अब क्षतिपूर्ति देने से बिजली कंपनी कर रही इनकार
रायसेन। बिजली करंट लगने से अस्थाई बिजली कर्मचारियों की मौत के मामले में 5 से 10 साल तक कानून लड़ाई लड़ने के बाद पीड़ित परिवार के पक्ष में फैसला आ गया है और न्यायाधीश ने उन्हें क्षतिपूर्ति राशि देने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। लेकिन बावजूद इसके बिजली कंपनी क्षतिपूर्ति राशि नहीं दे रहा है पीड़ित परिवार ने फिर से कोर्ट के आदेश की अवमानना को लेकर फिर से कोर्ट दरवाजा खटखटाया है। पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति की राशि दिलाने के लिए कोर्ट ने बेगमगंज में सिलवानी के बिजली कंपनी के दो वाहन जब्त कर उन्हें कोर्ट परिसर में खड़ा करवा दिया है। वहीं बिजली कंपनी ने क्षतिपूर्ति राशि देने से बचने के लिए हाईकोर्ट जबलपुर में अपील कर दी है।
बेगमगंज के वार्ड क्रमांक 16 हदोईपुरा मैं रहने वाली आशा भाई राय के पति गणेश राम राय बिजली कंपनी के स्थाई कर्मचारी थे 2010 में बिजली खंभे पर काम करते समय करंट लगने से उनकी मौत हो गई इसी तरह सिलवानी निवासी दीपिका विश्वकर्मा के पति जयदीप विश्वकर्मा की भी करंट लगने से 20 17 में मौत हो गई थी दोनों मामलों में बिजली कंपनी से क्षतिपूर्ति की राशि दिलाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी करीब 5 से 10 साल से यह दोनों प्रकरण न्यायालय में चल रहे थे 2 साल पहले न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए दीपिका विश्वकर्मा को 9 लाख 73 हजार 182 रुपये और आशा बाई राय को 8 लाख 70 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि देने के आदेश दिए थे ।इसके बाद भी बिजली कंपनी ने यह राशि पीड़ित परिवारों को नहीं चुकाई है। ऐसी स्थिति में दोनों पीड़ित परिवारों ने कोर्ट की अवमानना को लेकर फिर से न्यायाधीश के समक्ष गुहार लगाई थी ।3 महीने पहले कोर्ट ने बेगमगंज और सिलवानी बिजली कंपनी के एक-एक वाहन जब्त करके न्यायालय परिसर में खड़ा करवा दिया है।
जब्त कराए बिजली कंपनी के दो वाहन कंपनी ने हाईकोर्ट जबलपुर में की अपील
पीड़ित परिवार की व्यथा:
घर रहा है गिरवी मजदूरी करके बच्चों बच्चों की कर रहे है परवरिश
तहसील बेगमगंज के वार्ड क्रमांक 16 हदोईपुरा मैं रहने वाली आशा भाई राय ने बताया कि 10 साल से वह इंसाफ के लिए कानून लड़ाई लड़ रही हैं बेटा और बेटी अभी पढ़ाई कर रहे हैं घर की माली हालत को सुधारने के लिए बड़े बेटे ने पढ़ाई छोड़ दी है ।वह छात्रावास में भोजन बनाने का काम करती है ।बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चल रहा है पति की मौत के बाद घर की आरती की स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें कर्ज भी लेना पड़ा है। उनका घर भी गिरवी रखा हुआ है। 10 साल बाद उनके पक्ष में क्षतिपूर्ति मिलने का फैसला आने के बाद उन्हें उम्मीद बनी थी कि वह अपने घर को कर्ज मुक्त करवा लेंगे ।लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी राशि देने को तैयार नहीं है।
पीड़िता दीपिका को क्षतिपूर्ति के रूप में मिलना है 9,72000
सिलवानी निवासी पीड़िता दीपिका विश्वकर्मा के वकील आरके खरे ने बताया कि वर्ष 2017 में बिजली करंट लगने से उनके पति जयदीप विश्वकर्मा की मौत हो गई थी तब से दीपिका सास ससुर के साथ रहकर अपने दो बच्चों का पेट पाल रही है ।बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए उसे मेहनत मजदूरी भी करना पड़ रही है।वर्ष 2018 से न्यायालय में मुआवजा के लिए केस चल रहा है दिसंबर 2022 में 972000 की क्षतिपूर्ति राशि देने का अवार्ड भी पारित हो गया है।लेकिन बिजली कंपनी यह राशि केपीड़िता के परिवार को नहीं दे रही है।
जो वाहन जब्त हुए वह अनुबंधित हैं वाहन मालिक को किराया मिलना भी बंद
हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश पर बेगमगंज और सिलवानी बिजली कंपनी के जो दो वाहन जब्त कर कोर्ट परिसर में खड़े करवा दिए गए हैं ।वह अनुबंध कर किराए पर लगाए गए हैं।वह वाहन जब्त होने के बाद उनके मालिकों को बिजली कंपनी से कराया राशि मिलना भी बंद हो गई है।
बिजली कंपनी को देना चाहिए क्षतिपूर्ति की राशि
जब कोर्ट ने पीड़ित परिवार के लिए क्षतिपूर्ति राशि देने के आदेश दिए हैं तो बिजली कंपनी के अधिकारियों को वह राशि चुका देना चाहिए।हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे हैं ।हाई कोर्ट से बिजली कंपनी को अब तक कोई स्टे आर्डर नहीं मिला है। इस मामले में बिजली कंपनी के जेई को कोर्ट में पेश होने का भी आदेश जारी हुआ है।विनय ठाकुर एडवोकेट पीड़ित पक्ष के वकील बेगमगंज
हाईकोर्ट में अपील की गई है
बेगमगंज कोर्ट से हुए क्षतिपूर्ति राशि देने के आदेश को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में अपील की गई है वहां से जो फैसला आएगा ।हम उसका कड़ाई से पालन करेंगे ।सीके पवार जिला प्रबंधक बिजली वितरण कंपनी रायसेन