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आ रही ‘लू‘ वाली गर्मी, पहचानें लक्षण, बरतें सावधानी ताकि न हो कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां

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News By – नितिन केसरवानी

कौशाम्बी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार ने मौसम में असामान्य बदलाव के बीच चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में लू से बचाव के लिए परामर्श जारी किया है। उन्होंने बताया कि हीटवेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है इससे प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। लू के प्रभावको कम करने के लिए रेडियो सुने अखबार पढ़ें और टेलीविजन पर आने वाले ताजा समाचारों को सुने ताकि स्थानीय मौसम का पता चलता रहे हीटस्ट्रोक,हीट रैशहीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी,चक्कर आना,सरदर्द उबकाई,ज्यादा पसीना आना,मुर्छा आना आदि को पहचाने यदि मूर्छा बीमारी का आभास हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। आपात की स्थिति में 108/102 एंबुलेंस सेवा का लाभ उठाएं।

बचाव के लिए-हाईड्रेट रहें-लू से बचाव के लिए हाइड्रेट रहें यानी शरीर में पानी की कमी से बचें इसके लिए अधिक से अधिक पानी पिएं। यात्रा करते समय पानी का प्रयोग ज्यादा करें।ओ.आर.एस.,घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियो जैसे-खरबूजा, संतरे, अंगूर, खीरा, ककड़ी एवं सलाद पत्ता आदि का प्रयोग करें।

शरीर को ढककर रखें हल्के रंग के पसीना सोखने वाले हल्के कपड़े पहने, धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें जो व्यक्ति खुले में कार्य करते हैं वह सिर्फ चेहरा हाथ पैर को गीले कपड़ों से ढक कर रहे तथा छाते का प्रयोग करें।

अधिक से अधिक समय घर या कार्यालय के अंदर ही बिताएं- हमेशा हवादार स्थान पर रहे। सूर्य की सीधी रोशनी तथा गर्म हवा को रोकने का उचित प्रबंध करें। अपने घरों को ठंडा रखें। दिनमें खिड़कियां पर्दें तथा दरवाजे बंद रखें विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन जगहों पर जहां सूरज की सीधी रोशनी पड़ती हो, शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने के लिए इन्हें खोल दें।

उच्च जोखिम समूहों के लिए परामर्शः- मुख्य चिकित्साअधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि उच्च जोखिम समूह जैसे 1 वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोट बच्चे,गर्भवती महिलाएं बाहरी वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति विशेषकर ह्नदय रोगी अथवा उच्च रक्त चाप से ग्रसित व्यक्ति तथा ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्र से गर्म क्षेत्र में जा रहें हो यह सब सामान्य आबादी की तुलना में हीटवेव के लिए ज्यादा संवेदनशील होते हैं इनके बचाव पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

यह न करें- आमजन को लू से बचाव के प्रति सचेत करते हुए कहा कि अधिक गर्मी वाले समय में विशेषकर 12 से 3बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचे। नंगे पैर बाहर ना निकले। अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से यथा संभव बचें। बासी भोजन का प्रयोग ना करें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़ें। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े ना पहने। अत्यधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें। रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियां खोल दें।शराब,चाय काफी कार्बोनेटे डसॉफ्ट ड्रिंक आदि के प्रयोग करने से बचें क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं।

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