*निजी प्राइवेट स्कूल में पढ़ते बच्चे खेलने के लिए नहीं है गार्डन*
दैनिक प्राइम संदेश नरसिंहपुर
साईं खेड़ा नगर परिषद में संचालित होने वाले प्राइवेट स्कूल शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का पालन न करके नियम विरुद्ध ढंग से संचालित हो रहे हैं। निजी स्कूल के संचालक मनमर्जी से अपनी संस्था का संचालन कर रहे हैं। इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन की नियमावली अनुसार अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों की मान्यता संबंधी दस्तावेजों में दर्शाए मापदंड शासन के नियम के परे हैं जिस पर अधिकारियों ने किसी के दबाव में आकर मान्यता तो प्रदान कर दी लेकिन उच्च स्तरीय जांच होगी तो कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आएंगे नियमानुसार मान्यता संबंधी दस्तावेजों में पात्रता के नियमों का उचित पालन नहीं किया गया है
नगर में लगभग 10 प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिसमें अधिकांश स्कूलों के पास खुद के भवन तक नहीं हैं। और न खेल मैदान है जिन्होंने खेल मैदान भी किराए पर ले रखा है समझ से परे बात यह है कि खेल मैदान स्कूल के पास मौजूद नहीं दिखाई देते हैं स्कूल टाइम में खेल पीरियड्स लगने पर बच्चे कहां खेलने जाते होंगे और शिक्षक उन्हें किराए के खेल मैदान में क्या सिखाते होंगे अधिकांश स्कूलों में खेलकूद की व्यवस्था के लिए मैदान नहीं है। शहर सहित आसपास के क्षेत्र में कुछ स्कूल ऐसे है,जो निजी मकानों में दो-दो कमरों में संचालित हो रहे हैं, जबकि उनके पास जिला प्रशासन से मान्यता है। संचालित कई स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग अलग टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। इन स्कूलों में छात्रों के लिए लाइब्रेरी व्यवस्था तक नहीं है। क्षेत्र के अधिकतर स्कूलों के पास अग्निशमन यंत्र भी नहीं है। यदि शासन द्वारा निर्धारित मापदंड का प्राइवेट संस्था पालन नहीं करती है तो उसकी मान्यता समाप्त करने के सख्त निर्देश हैं, लेकिन स्थानीय शिक्षा एवं विकासखंड अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
निर्धारित मापदंड: स्कूल में पर्याप्त अध्ययन के लिए कक्ष होना जरूरी है। साथ ही छात्र संख्या के हिसाब से कक्ष होना चाहिए, सभी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों का होना अनिवार्य है, सभी स्कूलों में छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होना अनिवार्य है। यदि ऐसा नही है तो उस स्कूल को मान्यता नही मिलेगी, बच्चों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, खेल मैदान की व्यवस्था, खेल सामग्री,पर्याप्त शैक्षणिक सामग्री, लाइब्रेरी, उच्च कक्षा के लिए प्रयोगशाला अनिवार्य रूप से होना आवश्यक हैं।
स्कूल वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र बैठाए जाते हैं: प्राइवेट स्कूल वाहनों में छात्रों को क्षमता से अधिक बैठाया जाता है। इन वाहनों में बच्चों को भूसे की तरह भर दिया जाता है।
नगर में यदि प्राइवेट स्कूल शासन द्वारा तय किए गए मापदंड का पालन नहीं कर रहे, उनका निरीक्षण किया जाएगा, जो नियम के विपरीत संचालित मिलेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
संदीप स्थापक
BRC साईंखेड़ा