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क्या वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी दे रहे भ्रष्टाचार को जन्म ?

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क्या वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी दे रहे भ्रष्टाचार को जन्म ?

 

टिमरनी राजस्व क्षेत्र में अधिकारियों के संरक्षण में पल रहे वर्षों से कर्मचारी

 

निर्वाचन आयोग के आदेश को ठेंगा दिखाते हरदा जिलें में पदस्थ आरआई पटवारी

 

मनीष कुमार राठौर । 8109571743

 

भोपाल/हरदा । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक स्थान पर जमे अधिकारियों के स्थानांतरण हुए ताकि जनता के बीच अपनी पैठ बना चुके शासकीय अधिकारी कर्मचारी चुनाव को प्रभावित न कर सके, जिसके बावजूद हरदा जिलें में शासन के दिशा निर्देश का पालन नही हुआ क्योंकि एक एक से डेढ़ दशक से ज्यादा समय से जमे राजस्व अधिकारियों के स्थानांतरण नही हुए आपको जानकारी हैरानी होगी की हरदा जिलें के टिमरनी में पटवारी के पद पर पदस्थ हुए और प्रमोशन होते हुए आरआई बन गए राजस्व अधिकारी ऐसे जमे की अंगद का पाव भी हिल जाए परंतु उनका ट्रांसफर होना नामुमकिन है । अब देश में लोकसभा चुनाव है निर्वाचन आयोग के सक्त दिशा निर्देश है की 4 वर्षों से पदस्थ ऐसे अधिकारी कर्मचारी का स्थानांतरण किया जाए जो चुनाव को प्रभावित कर सकते है जिसके लिए बकायदा मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने पत्र जारी कर निर्देश दिए परंतु उच्च अधिकारियों के स्थानांतरण की लालच में जिलें की तहसील में पदस्थ छोटे छोटे अधिकारी कर्मचारी को राज्य शासन भूल जाता तो जिला स्तर पर पदस्थ उच्च अधिकारियों का दायित्व नहीं होता की ये ऐसे अधिकारी कर्मचारी को चिन्हित कर ट्रांसफर किया जाए जो वर्षों से सीधें गांव गांव में किसान और आम लोगों से जुड़े है जो चुनाव की सीधे तौर पर प्रभावित कर सकते है, जिसके बावजूद ऐसे कर्मचारियों का स्थानांतरण न करते हुए क्षेत्र में घोटालों और भ्रष्टाचार को जन्म दिया जा रहा है ।

 

 

टिमरनी तहसील क्षेत्र में अंगद की तरह जमे राजस्व कार्यालय में कर्मचारी

 

क्या निर्वाचन आयोग को स्वयं आना होता हरदा जिलें में वर्षों से एक ही स्थान पर टिके कर्मचारी पर कार्यवाही करने जो प्रत्यक्ष तो नहीं परंतु अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव को प्रभावित कर रहे है, आपको जानकारी हैरानी होगी कि टिमरनी तहसीलदार का बाबू नितिन वर्मा लगभग 13 वर्ष के आसपास हो जाने के बावजूद भी एक ही जगह पर टिका हुआ है, जिसकी किसान के द्वारा शिकायत भी की गई की यह काम को रोक कर करते है जिसके बाद भी इनको नहीं हटाया गया था । जबकि वर्मा का स्थानीय अधिकारियों और नेताओं के साथ अच्छे संबंध होने के कारण इनका ट्रांसफर अभी तक नहीं हुआ सूत्रों की माने तो इनके द्वारा तहसील में पूर्व में भ्रष्टाचार को लेकर बहुत सी शिकायत भी हुई हैं लेकिन विभागीय साट गाट होने के कारण इनका ट्रांसफर नहीं हो सका ।

 

क्या आरआई, पटवारी नही मानते चुनाव आयोग की गाईडलाईन

 

मध्यप्रदेश में किसानों को मुवावजा सहित जमीन से जुड़े सभी कार्य के लिए राजस्व के सबसे महत्वपूर्ण पद पर आरआई मोहन लाल ठाकुर जो कि पहले पटवारी थे टिमरनी में ही पटवारी रहे और इनका प्रमोशन हुआ और आरआई हो गए जबसे एक ही स्थान पर टिके है । इनको भी लगभग 15 वर्ष के आसपास इन्हें भी हो गया वहीं लोकेश दियाबार भी लगभग 6-7 साल से एक ही स्थान पर टिके हुए हैं इनकी अधिकारियों से अच्छी शाट गाट होने के कारण इनका भी ट्रांसफर भी नहीं हो सका शासन के नियम अनुसार 3 वर्ष से अधिक एक स्थान पर नहीं होना चाहिए और अभी नये आदेश में भी भारत निर्वाचन आयोग ने दिए है । अधिकारियों से साठ गांठ कर यह आरआई बाबू बच जाएंगे की शासन के नियम अनुसार इनका अन्य स्थान पर ट्रांसफर हो पायेगा ?

 

 

क्या कहना है ।

 

आपके द्वारा जानकारी संज्ञान में लाई गई है यदि लंबे समय से पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी तो में दिखवाता हूं ।

 

 

आदित्य सिंह कलेक्टर हरदा

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