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अबू धाबी में हुई कांफ्रेंस की पूर्ण रिपोर्ट

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*इन्दौर से सिंड्रेला इमानुएल*

 

*अबू धाबी में हुई कांफ्रेंस की पूर्ण रिपोर्ट*

 

अबू धाबी मे चार दिन (2-5 अक्टूबर) से चले Abu Dhabi International Petroleum Exhibition and Conference (ADIPEC) मे दुनिया के सभी तेल कम्पनी के CEO तथा मंत्री वग़ैरह मौजूद हैं। इस कान्फ्रेंस में दुनिया भर की 2,220 तेल कम्पनी तथा 160,000 लोगों ने भाग लिया है।

 

कान्फ्रेंस मे मलेशिया तेल कम्पनी Petronas के CEO मोहम्मद तौफ़ीक़ ने कहा कि “हम लोगों को खलनायक के रूप में देखा जाता है, मगर लोग अपनी गलती को स्वीकार नहीं करता है.” इस पर खूब ताली बजी।

 

भारत के तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस कांग्रेस में भाग लिया और अपने ADIPEC के एक साक्षात्कार में कहा है कि “आप लोगों ने भारत मे 10 करोड़ (hundred million) लोगों को ग़रीबी में धकेल दिया, वह अब वह दोबारा लकड़ी का उपयोग करने लगे हैं”। पुरी साहेब ने कहा पहले हम लोग 27 देशों से तेल ख़रीदते थे मगर अब 39 देशों से तेल ख़रीदते हैं फिर भी बहुत महँगा है।

 

हम अकसर देखते हैं कि नरसिम्हा राव ने बाबरी मस्जिद को बम से उड़ा कर देश को बर्बाद कर दिया, आज तीस (30) साल बाद हरदीप सिंह पुरी ने मेरी बात की अबू धाबी मे पुष्टि कर दिया।

 

6 दिसंबर 1992 के बाद भारत को अरब देशों से subsidised दर पर तेल मिलना बंद हो गया और हम लोग Open बाज़ार से तेल ख़रीदने लगे। आज भारत के तेल का Indian Basket का दाम WTI, Brent, Dubai Crude से 8-4 डालर ज़्यादा है और यही हाल गैस के दाम का है, जबकि भारत ऐसे बड़े देश के लिए $65-70 तेल का दाम उचित है।

 

भारत के लोगों तथा सरकार को अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्र अदा करना चाहिये कि जब वह 1977 मे विदेश मंत्री बने तो पूरे अरब दुनिया घूमे और वापसी पर भारत आकर हर राज्य मे Passport Office खोल दिया और केरल तथा दूसरे राज्य के लोग अरब देश जाकर काम करने लगे और देश को ‘विदेशी-मुद्रा’आने लगा जिस से 1973 से बढ़े तेल का दाम भारत सरकार भुगतान करने लगी और आज भी रोज़गार दे कर राहत अरब देश ही दे रहे हैं।

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