धन्ना सेठों की मनमानी से उनको मिल जाती हैं, खदान की रॉयल्टी, सैनिकों ने की टेंडर की मांग
रेत खदान रॉयल्टी टेंडर की मांग कर रहे माझी सैनिकों ने किया हाईवे जाम
पूर्व में जिला मुख्यालय पर विशाल रैली निकाल कर प्रशासन को दिया था अल्टीमेटम
: रेत खदान रॉयल्टी टेंडर की मांग कर रहे माझी सैनिकों ने किया हाईवे जाम
Betul Samachar : (बैतूल)। श्री मांझी अंतरराष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संगठन ने गुरुवार को शाहपुर ब्लॉक अंतर्गत आने वाले निशाना ग्राम में हाईवे पर चक्का जाम कर दिया।
दरअसल, मांझी सैनिक प्रशासन से रेत खदान रॉयल्टी टेंडर अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति एवं श्री मांझी सरकार आदिवासी किसान सैनिक को देने की मांग कर रहे हैं। पूर्व में दो बार अवगत कराने के बावजूद प्रशासन द्वारा मांझी सरकार सैनिकों की मांग को गंभीरता से नहीं लेने के कारण शुक्रवार को मांझी सरकार सैनिकों ने निशाना हाईवे पर उग्र प्रदर्शन कर हाईवे जाम कर दिया।
इस दौरान हाईवे की दोनों और सड़क पर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतार लग गई। गौरतलब है कि लगभग दो माह पूर्व मांझी सरकार सैनिकों ने सैकड़ों की संख्या में जिला मुख्यालय पर पहुंचकर ग्राम मालवर दौडी तहसील घोड़ाडोंगरी का रॉयल्टी ठेका अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति एवं श्री मांझी सरकार आदिवासी किसान सैनिक को देने की मांग की था।
टेंडर नहीं देने पर विद्रोह करने की भी चेतावनी दी थी। लगभग एक हफ्ते पूर्व भी मांझी सरकार ने जिला खनिज अधिकारी सहित कलेक्टर एसपी को आवेदन देकर चक्का जाम के लिए सूचित किया था, इसके बावजूद प्रशासन ने मांझी सरकार सैनिकों को समझाइश देने का प्रयास नहीं किया, जिसका नतीजा यह रहा की घंटो हाईवे जाम रहा।
पूंजी पतियों को दिया जा रहा ठेका
मांझी सरकार सैनिक संस्था मध्य प्रदेश के तहसील अध्यक्ष श्यामलाल उइके ने बताया जिले की रेत रॉयल्टी का ठेका पूंजी पतियों को दिया जा रहा है। जबकि आदिवासियों को भारत का मूल निवासी होने के बाद भी एक प्रतिशत भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। माझी सरकार सैनिकों ने पूर्व में ही ज्ञापन के माध्यम से चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी।
उन्होंने बताया कि गोंडवाना राष्ट्रीयकरण कानून एवं पेसा एक्ट के हिसाब से ग्राम मालवर तहसील (घोड़ाडोंगरी) शाहपुर जिला बैतूल मध्य प्रदेश के जल जंगल जमीन एवं खान और खनिज का कानून अधिकार है। पत्र के माध्यम से पूर्व में जिला प्रशासन को सूचना दी गई थी, लेकिन आज लगभग 51 दिन गुजरने के बाद भी मांझी सरकार को रेत खदान की रॉयल्टी देने का जवाब आज तक नहीं मिला इसलिए जिला प्रशासन को सूचना देकर हमारे हक अधिकार की मांग के लिए हाईवे का चक्का जाम किया गया।
इन मांगों पर भी किया ध्यान आकर्षण
प्रदेश कोषाध्यक्ष श्रवण कुमार परते ने अन्य मांगों पर ध्यान आकर्षण करते हुए बताया कि सर्वप्रथम राजमाता फूलवादेवी कांगे जी को म.प्र. में राज्य अतिथि का दर्जा प्रदान किया जाए। जिला बैतूल हमलापुर में मांझी सरकार के कार्यकर्ताओं के लिये जिला कार्यालय भवन निर्माण को सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाए। मांझी सरकार के कर्मचारियों द्वारा दी गई समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाए।
मांझी सरकार के सैनिको के साथ होने वाले अत्याचार, अन्याय व शोषण को तुरंत रोका जाए। जिला बैतूल के 5 ग्राम पंचायत से लेकर तहसील कार्यालय के लिए भवन निर्माण किया जाए। आदिवासी समाज की लड़कियों को गैर आदिवासी लड़के बहला-फुसलाकर शोषण करते है, पुलिस थाने तथा कोर्ट में राजमीनामा लिखवा देते है।
इससे आदिवासी समाज का धर्म नष्ट होता है इस पर तत्काल रोक लगाया जाए। पेसा एक्ट कानून बैतूल एवं प्रभातपट्टन ब्लाक में लागू किया जाए। जिससे वहां के जनजाति समुदाय को पेसा कानून का लाभ मिल सके। बैतूल विकासखंड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सराड़ के ग्राम कनारा से भट्टाझिरी तक सीसी स्वीकृत किया जाए।