रेखा गुप्ता होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, प्रवेश सिंह वर्मा होंगे डिप्टी सीएम, विधानसभा स्पीकर होंगे विजेंद्र गुप्ता
News By- नितिन केसरवानी
बीजेपी विधायक दल ने महिला नेता के नाम पर लगाई मुहर
रेखा गुप्ता शालीमार बाग से विधायक हैं।
रेखा गुप्ता *BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष* हैं और हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं. वो *दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ* की *सचिव* और अध्यक्ष रहीं. इसके साथ ही 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं. उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।
*रेखा गुप्ता : संक्षिप्त परिचय…*
रेखा गुप्ता मूलरूप से हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं. उनका जन्म जींद में ही हुआ था. लेकिन मात्र 2 साल की उम्र में वो दिल्ली आई. जिसके बाद दिल्ली की होकर ही रह गई. अब दिल्ली की कमान संभालने जा रही हैं.
रेखा गुप्ता को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पसंद माना जा रहा है. आरएसएस ने ही महिला मुख्यमंत्री का प्रस्ताव दिया था और आरएसएस ने ही रेखा गुप्ता के नाम को आगे बढ़ाया था.
पचास वर्षीय रेखा गुप्ता शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई हैं. वो दिल्ली बीजेपी की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. रेखा गुप्ता दक्षिण दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं. उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की है।
रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव 1974 में हुआ था. रेखा गुप्ता के पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थे. 1976 में पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया. रेखा गुप्ता की पूरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई. इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी और राजनीति में सक्रिय हुई. रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव और प्रधान भी रह चुकी हैं।
दिल्ली की CM के लिए जिन रेखा गुप्ता का नाम तय हुआ है, वह हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं। उनके दादा आढ़ती और पिता बैंक मैनेजर रहे हैं। रेखा स्टूडेंट लाइफ से ही पॉलिटिक्स में आ गई थीं। वह कॉलेज टाइम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी हैं। इसी वजह से RSS ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे भाजपा ने मान लिया।
भाजपा की 21 राज्यों में सरकार है। मगर कहीं भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। नए सीएम की शपथ लेते ही रेखा गुप्ता भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री बन जाएंगी। रेखा ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से जीत हासिल की। उन्होंने AAP की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया।वहीं शुरुआत से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और BJP से जुड़ी हुई हैं। इस वक्त वे दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
`रेखा गुप्ता का पुश्तैनी मकान जींद में`
रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव नंदगढ़ जींद के जुलाना हलके में है। यहां उनके दादा मनीराम और परिवार के लोग रहते थे। जुलाना के नंदगढ़ गांव के बलवान नंबरदार बताते हैं कि करीब 50 साल पहले तक रेखा के दादा मनीराम जिंदल और परदादा गंगाराम गांव में ही रहते थे। गांव में उन्होंने दुकान की हुई थी।
इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान कर ली और परिवार समेत वहीं शिफ्ट हो गए। गांव नंदगढ़ के नवीन फौजी बताते हैं कि उनकी छोटी ईंटों से बनी हवेली को गांव के ही चांदराम ने खरीद लिया था। इसके बाद उन्होंने वहां अपना मकान बना लिया।
गांव के नवीन फौजी आगे बताते हैं कि जिंदल परिवार के लोगों ने गांव में शिव मंदिर भी बनाया हुआ है। यहां हर वर्ष परिवार के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। रेखा के पिता जयभगवान के चाचा राजेंद्र तो हर महीने गांव का चक्कर लगाते हैं। गांव में रेखा के परिवार का अच्छा व्यवहार रहा।
शालीमार बाग सीट पर रेखा गुप्ता के लिए प्रचार करते PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा सीएम नायब सैनी। इसी से संकेत मिल रहे हैं कि RSS चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता को चुन चुका था।
शालीमार बाग सीट पर रेखा गुप्ता के लिए प्रचार करते PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा सीएम नायब सैनी। इसी से संकेत मिल रहे हैं कि RSS चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता को चुन चुका था।
`पिता बैंक मैनेजर बने तो दिल्ली शिफ्ट हो गए`
रेखा के पिता जयभगवान बैंक ऑफ इंडिया में काम करते थे। साल 1972-73 में वह मैनेजर बने तो उनकी बदली दिल्ली हो गई थी। इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। इस वजह से रेखा की स्कूल की पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। रेखा की साल 1998 में स्पेयर पार्ट्स कारोबारी मनीष गुप्ता से शादी हुई।
`दादा बोले- छात्र जीवन से ही राजनीति में आईं रेखा`
रेखा के दादा राजेंद्र जिंदल बताते हैं कि उनके भाई मनीराम के तीन बेटे हैं। इनमें बड़ा बेटा रामऋषि, उससे छोटा जयभगवान और सबसे छोटा सुशील है। जुलाना में उनकी गंगाराम, काशीराम के नाम से आढ़त की दुकान थी। रेखा का जन्म 19 जुलाई 1974 को हुआ था। छात्र जीवन से ही रेखा राजनीति में सक्रिय हो गई थीं।
राजेंद्र ने बताया कि रेखा ने इससे पहले भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार वह 11 हजार वोटों से हार गई थी तो पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी की वंदना से साढ़े चार हजार वोटों से हार गई थीं।