Breaking News in Primes

गायत्री प्रज्ञा पुराण कथा में कथावाचक सूरत सिंह अमृते ने कहा गृहस्थ धर्म सबसे बड़ा धर्म

0 86

ग्राम ओझरा में गायत्री प्रज्ञा पुराण कथा में कथावाचक सूरत सिंह अमृते ने कहा गृहस्थ धर्म सबसे बड़ा धर्म

 

 

राजू पटेल कसरावद(खरगोन)

 

 

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में कसरावद के ग्राम ओझरा में चार दिवसीय प्रज्ञा पुराण कथा जारी है। कथा के दूसरे दिन कथावाचक सूरत सिंह अमृते ने बताया कि हमारे ऋषियों ने गृहस्थ आश्रम को सबसे बड़ा तपोवन बताया है। उनके अनुसार गृहस्थ धर्म धन्य है। इसी गृहस्थ आश्रम से इंजीनियर, डाक्टर, साधू संत निकलते हैं। लेकिन हम देखते हैं कि आज पारिवारिक जीवन हताश, निराश है और परिवार टूटते हुए चले जा रहे हैं। आज हमारे बच्चे माता पिता की बात नहीं मानते हैं। इसका कारण यह है कि हम बच्चों को शिक्षा तो दे रहे हैं लेकिन संस्कार नहीं दे पा रहे हैं। इसके कारण माता पिता बड़े दुखी हैं।

आज स्वर्ग जैसी धरा पर वृद्धाश्रम बनते चले जा रहे हैं। क्योंकि हमने बच्चों को धन कमाकर दिया लेकिन उनको संस्कारित नहीं कर पाए। इसलिए आज माता पिता को चाहिए कि बच्चों को शिक्षा के साथ साथ समुचित संस्कार भी दें तभी परिवार बच सकते हैं। कथा के दौरान उपस्थित जनों को अमृते ने व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण और राष्ट् निर्माण के महत्वपूर्ण सूत्र भी समझाए।

वही नारी सशक्तिकरण को लेकर महत्वपूर्ण गोष्ठी हुई। छोटी खरगोन की सोना कुशवाह ने माताओं बहनों को नारी जागरण पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन किया। सोना कुशवाह ने बताया कि नारी ही मानव की निर्मात्री है। यदि वही अज्ञानी हो तो कैसे सुसंस्कृत परिवार का निर्माण वह कर सकेगी। उन्होंने कहा कि युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने इक्कीसवीं सदी को नारी सदी कहकर पुकारा है। सोना कुशवाह ने उदहारण देकर बताया कि जीजा बाई जैसी सशक्त नारी ही वीर शिवाजी को जन्म दे सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी बहन बेटियां भी जीजा बाई की तरह बचपन से ही बच्चों को वीर शिवाजी जैसे ढालें तो राष्ट्र को सामर्थ्यवान बना सकती हैं। इस तरह मां से ही समाज को सही दिशा मिलती है।

प्रातः 08 बजे से 12 बजे तक 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ हुआ। शांतिकुंज हरिद्वार की टोली के मार्गदर्शन में पहले दिन यज्ञ में समस्त देव शक्तियों का आह्वान एवं पूजन हुआ। इसमें ओझरा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने विश्व मंगल की कामना से यज्ञ में आहुतियां दी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!