धनबाद
*दबोचा गया गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान का गुर्गा वीर सिंह, संभाल रहा था वसूली का धंधा*
रिपोटर मिलन पाठक
*धनबाद :* गैंग्स ऑफ वासेपुर के कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान के सहयोगी वीर सिंह को धनबाद पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। लोनी बॉर्डर के प्रेम नगर में रहने वाले वीर सिंह को पुलिस गैंगस्टर के बैंक खातों को संचालित करने का किंगपिन बता रही है।
धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार के अनुसार प्रिंस खान तक दिल्ली के 40 बैंक खातों के जरिए धनबाद के कारोबारियों से वसूली गई रंगदारी की रकम पहुंच रही थी। इन खातों से 30 से 35 लाख रुपये की लेनदेन हो चुकी है।
पिछले दिनों पुलिस ने प्रिंस से संबंध रखने वाले निजी बैंककर्मी धनबाद के भूली रेलवे ट्रेनिंग स्कूल कल्याणपुर निवासी विशाल नंदी और नया बाजार गद्दी मुहल्ला के अरशद हुसैन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इन दोनों से हुई पूछताछ और बैंक खातों के संबंध में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस वीर सिंह तक पहुंची। वीर सिंह ने गिरफ्तारी के बाद प्रिंस खान और उसके करीबी सैफ अब्बास नकवी से अपना रिश्ता कबूला। बताया कि स्नातक के बाद गाजियाबाद में वैशाली क्लाउड 09 टावर स्थित दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी और बनारसी दास एक्जओम प्राइवेट लिमिटेड नामक कपड़े की दुकान में वह काम करता था। दुकान का मालिक गाजियाबाद राजनगर एक्सटेंशन यूनिवर हाइट्स निवासी पवन सर उर्फ प्रमोद कुमार था।
व्यवसाय में घाटा होने पर 2022 में पवन दुबई चला गया। उसी ने उसका संपर्क प्रिंस खान से कराया। इसके बाद वह प्रिंस गिरोह के फंड मैनेजमेंट में जुट गया था। विशाल ओर अरशद की गिरफ्तारी के बाद उसके खाते में रुपये नहीं पहुंचे तो वह रुपये लेने धनबाद आया था। इसी दौरान गोविंदपुर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके पास से पुलिस ने यूएई की करेंसी 65 दिरहम भी बरामद की है। वीर ने पुलिस को बताया कि 2022 में वह पवन के पास दुबई में डेढ़ महीने रहा। दोबारा पुराने मालिक के कहने पर वह मार्च 2023 में दुबई गया। पवन ने मार्च में उसका परिचय प्रिंस और सैफी से कराते हुए बताया कि ये दोनों झारखंड धनबाद के डॉन हैं।
*फर्जी कंपनी के नाम पर खपाए रंगदारी के पैसे*
पवन ने वीर को बताया था कि प्रिंस के रंगदारी के पैसों को मोना मेडिकल इक्यूपमेंट नाम से फर्जी कंपनी खोलने में प्रयोग किया जाएगा। इसी क्रम में दुर्गा ट्रेडिंग व बनारसी दास एग्जियम के खाते से 22, 23, 29 सितंबर और एक व छह अक्तूबर को लाखों रुपये वीर के खाते में आए, जिसे उसने अलग-अलग खातों में डाल दिया। विशाल नंदी ने 29 अक्तूबर को इस खाते में 2.25 लाख रुपये भेजे थे। वीर ने 25 अक्तूबर को सात लाख रुपये नकद दुबई भेजे थे जबकि पवन के पुत्र अभिषेक उर्फ अमन के खातों में भी लाखों रुपए भेजे थे।
*दिल्ली मंडोली की मोना भी गैंग में सक्रिय*
वीर सिंह ने बताया कि उसके साथ पवन की दुकान पर दिल्ली मंडोली एक्सटेंशन की मोना सिंह काम करती थी। वह भी इन दिनों पवन के साथ दुबई में रह रही है।
महिला और वीर के भतीजे ने दुबई पहुंचाया एटीएम कार्ड
खाता खुलवाने के बाद पवन के इशारे पर एक महिला के माध्यम से सितंबर-अक्तूबर में सभी बैंक खातों के एटीएम कार्ड दुबई भेजे गए। वीर सिंह इन खातों में रुपए ट्रांसफर करता था। प्रिंस और सैफी दुबई व शारजाह में एटीएम कार्ड के जरिए रुपये की निकासी कर लेते थे। इसी महीने वीर का भतीजा अनुपम सिंह भी कई एटीएम पहुंचाने दुबई गया था।
*खाताधारक को हर माह मिलते थे सात हजार*
वीर सिंह ने पुलिस को बताया कि दुबई से वापस लौट कर उसने दिल्ली के यमुना नगर में अपने भाई शेर सिंह, भतीजा अनुपम सिंह, साला मोहित माहौर और गौरव माहौर के अलावा अन्य मित्र व सगे-संबंधियों के नाम अलग-अलग बैंक और शाखा में बैंक खाते खुलवाए। हर खाताधारक को सात हजार रुपये और वीर सिंह को प्रति खाता हर माह तीन हजार रुपये देने की बात हुई थी।
*दिल्ली में रहकर काम करता था वीर सिंह*
धनबाद में गिरफ्तार किया गया गाजियाबाद के लोनी का वीर सिंह दुबई में छिपे गैंग्स ऑफ वासेपुर के प्रिंस खान के गिरोह के लिए दिल्ली में रहकर काम करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रिंस खान पर शिकंजा कसने के लिए धनबाद पुलिस के अलावा केंद्रीय जांच एजेंसी भी लगी हुई थी। केंद्रीय जांच एजेंसी के ऑपरेशन में इनपुट मिलने के बाद वीर सिंह को गिरफ्तार किया गया। वीर सिंह क्या काम करता था और कहां जाता था, इसकी जानकारी न तो पड़ोसियों को है और न ही परिवारवालों को। पिता की मौत के बाद मां और पत्नी के साथ रहने वाला वीर सिंह सुबह घर से निकलता था और शाम को लौटता था। उसे किस आरोप में पकड़ा गया है, इसकी जानकारी होने से भी परिजनों ने इनकार किया। स्थानीय लोगों के मुताबिक वीर सिंह का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला है, जो करीब तीस साल पहले लोनी बॉर्डर थानाक्षेत्र के प्रेमनगर में आकर बस गया था।
करीब ढाई साल पहले वीर सिंह की शादी हुई थी, वर्तमान में उसका एक दुधमुंहा बच्चा है। पिता रामनाथ का चार साल पहले देहांत होने के बाद से वीर सिंह मां और पत्नी के साथ प्रेमनगर की गली नंबर-तीन स्थित मकान संख्या-314 में रहने लगा, जबकि उसके चार भाई आस-पड़ोस में ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। वीर सिंह के भाई विक्रम ने बताया कि छह नवंबर को एक वर्दीधारी के साथ कुछ लोग सादा वर्दी में आए और अकाउंट से संबंधी मामले में पूछताछ के लिए उसे अपने साथ ले गए।