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भंडारण अनुज्ञप्ति लिये बिना संचालित हो रहे बिड़ला व्हाइट और जेके वॉल पुट्टी के कारखाने की जाँच के लिए संचालक भौमकी तथा खनिकर्म नाकाम

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भंडारण अनुज्ञप्ति लिये बिना संचालित हो रहे बिड़ला व्हाइट और जेके वॉल पुट्टी के कारखाने की जाँच के लिए संचालक भौमकी तथा खनिकर्म नाकाम

खनिज निरीक्षक को बचाने ले लिया मार्गदर्शन का सहारा, राज्य सरकार से नही मिला मार्गदर्शन

कारखानों में डोलोमाइट और मार्बल बेस्टेज सप्लाई करने वाला एक छोटा स्प्लायर जिसका खनिज विभाग कटनी से भोपाल तक होल्ड, भंडारण नियमो की उड़ रही धज्जियां

तीन साल से अधिक समय से जमे निरीक्षक और अधिकारी का ” चुनाव काल ” में भी नहीं हुआ तबादला

 

मनीष कुमार राठौर
8109571743

कटनी । भंडारण अनुज्ञप्ति लिये बिना संचालित हो रहे बिड़ला व्हाइट और जेके वॉल पुट्टी के कारखाने की जाँच के लिए संचालक भौमकी तथा खनिकर्म भोपाल का पत्र क्रमांक 8552 / शिकायत/कटनी/ न क्र 32 /2023 भोपाल दिनाक 6/7/2023 से कलेक्टर खनिज शाखा को कार्यवाही करने के लिए लिखा गया था परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई l क्योंकि दस साल से जमे इंस्पेक्टर और तीन सालों से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी को समझ ही नहीं आता है की कार्यवाही कैसे करें , खनिज निरीक्षक और पुट्टी कारखानों बचाने खनिज अधिकारी ने संचालक भौमकी तथा खनिकर्म भोपाल को पत्र नंबर 1669 दिनांक 25/7/2023 से मार्गदर्शन की मांग कर ली है लगे हाथ जाँच भी टल गई और अवैध रूप से भंडारण भी बरकरार हो गया l* तीन महीने होने जा रहे हे अभी तक संचालक से मार्गदर्शन नही मिला वही छोटे व्यवसाईयो का कहना हे की छोटा फेक्ट्री बाला बिना भंडारण के खनिज का भंडारण करता होता तो उस पर खनिज निरीक्षक और अधिकारी अभी तक कार्यवाही कर देते परंतु अभी तक कार्यवाही न करना अपने आप प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।
वही सूत्र बताते हे की इन पुट्टी कारखानों में डोलोमाइट और मार्बल बेस्टेज सप्लाई करने वाला एक छोटा स्प्लायर जिसका खनिज विभाग कटनी से भोपाल तक होल्ड है उसका भी पुट्टी कारखानों में कार्यवाही न हो वह भी सक्रिय है उन्हे भी डर है की यदि कार्यवाही होती है और निष्पक्ष जांच हो गई तो रॉयल्टी अपबंचन निकल सकता है।

वही इसकी जाँच की जानी थी कि विरला व्हाइट का वर्ष 2013 और जे के का 2016 से कितना उत्पादन किया, कितना डोलोमाइट , मार्बल वेस्टेज एव अन्य खनिज किस फर्म से खरीदा कितनी रायल्टी डोलोमाइट एव मार्बल टुकड़े की चुकता की उसकी भी जांच होना चाहिए, क्योंकि वाल पुट्टी बनाने में डोलोमाईट का 85% उपयोग होता है जो लगभग वर्ष में 6 लाख टन होता है जिसमे रायल्टी अपबंचन की संभावना अधिक लग रही है क्योंकि बड़वारा तहसील में चल रही डोलोमाइट खदानों ने पिछले तीन सालों में कितना उत्पादन किया कितनी रॉयल्टी चुकता किया उससे भी स्पष्ट हो जाएगा की डोलोमाइट का उत्पादन कम और डोलोमाइट की खपत हो रही है ज्यादा जिससे बचने के लिए उक्त दोनों बाल पुट्टी कारखाने बाले खनिज भंडारण अनुज्ञप्ति लेने से बच रहै हैं।जिला खनिज अधिकारी कार्यालय जाँच से बचाने के लिए अब संचालक से दिशानिर्देश मांग रहा है ताकि मामला लंबित रहे और स्प्लायर फल फूलते रहे।

उक्त दोनों फर्म अल्ट्राट्रेक सीमेंट ओर जे के व्हाइट के द्वारा म प्र खनिज ( अवैध खनन , परिवहन, तथा भंडारण का निवारण ) नियम 2022 के नियम 2 (झ ) का हवाला देकर बचने की कोशिश की जा रही है जबकि कटनी जिले में अन्य बाल पुट्टी कारखानों ने खनिज भंडारण अनुज्ञप्ति ले रखी है तब खनिज निरीक्षक द्वारा इन दोनों फर्म के विरुद्ध प्रकरण न बनाना ओर फर्मो को बचाना और फिर संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म से मार्गदर्शन मांगना समझ से परे है जबकि जिले में पदस्थ एक निरीक्षक जिले में दूसरी जगह बिना भंडारण चल रहे पुट्टी कारखानों एब रिफरेक्ट्रीज कारखानों में कार्यवाही कर रहे है ऐसे में एक सीनियर खनिज निरीक्षक जो कटनी जिले में दो चरणों मे लगभग 10 वर्षो से अधिक समय से पदस्थ है फिर इस तरह की कार्यप्रणाली खनिज निरीक्षक अशोक मिश्रा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है l नियमो के विपरीत जाकर खनिज निरीक्षक और पुट्टी कारखानों के विरुद्ध कार्यवाही न करना पड़े इसके लिए संचालक से मार्गदर्शन मांगकर कार्यवाही की दिशा ही बदली जा रही है l
खनिज अधिकारी कार्यालय ने बिड़ला व्हाइट और जेके वॉल पुट्टी के कारखानों को बिना भंडारण लाइसेंस के डोलोमाइट और मार्बल के वेस्टेज पत्थरों को स्टॉक करने व्यवसाय करने की स्पेशल छूट दी और शेष कारखानों को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया यह कैसी नीति है l

जिले में डोलोमाईट खनिज पर आधारित बाल पुट्टी कारखाने संचालित है जिसमे म प्र खनिज ( अवैध खनन , परिवहन, तथा भंडारण का निवारण ) नियम 2006 एव यथा संधोधित नियम 2022 लागू होता है l इन स्पष्ठ नियमो में प्रावधान है कि जहाँ भी खनिज का स्टॉक कर व्यवसाय किया जाएगा एव खनिज आधारित उत्पाद बनाएगा उन पर भंडारण अधिनियम 2006 , 2012 एव यथा संसोधित 2022 लागू होगा l लेकिन कटनी जिले में बड़वारा तहसील में विरला व्हाइट और जे के वाल पुट्ठी कारखाने वाले खनिज भंडारण अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे है और इन दोनों कारखानों पर खनिज विभाग सहित स्थानीय खनिज निरीक्षक की कृपा है l तभी तो इनके ऊपर खनिज निरीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही संस्थापित नही की गई जो विचारणीय है l

*अब तक चालीस लाख टन से अधिक हो चुका अवैध भंडारण*

बड़वारा तहसील के ग्राम झरेला में बिरला व्हाइट फर्म द्वारा वर्ष 2013 से डोलोमाईट खनिज का लाखो टन भंडारण कर 6 लाख टन प्रति वर्ष बाल पुट्टी का उत्पादन किया जा रहा है तो वही ग्राम रूपोंध में जे के द्वारा वर्ष 2016 से 7 लाख टन बाल पुट्टी का निर्माण किया जा रहा है l उक्त दोनों फर्म के द्वारा डोलोमाईट एव अन्य खनिज का भंडारण लाइसेंस नही लिया है l इतनी लम्बी अवधि तक बिना अनुज्ञा के हो रहे भंडारण शुल्क की क्षतिपूर्ति खनिज अधिकारियों के खाते से पेनाल्टी के साथ कराई जानी चाहिए क्योंकि भ्रष्ट खनिज विभाग ने जिले में अन्य वाल पुटी बनाने वाले लगभग 10 कारखानों से खनिज का भंडारण लाइसेंस लेकर काम करने के लिए नियमतः मजबूर किया है उनसे सालाना शुल्क (खनिज स्टोरेज क्षमता के आधार पर ) भी लिया है l

खनिज विभाग ने माना है कि इन दोनों फर्म बिरला व्हाइट और जे के ने खनिज भंडारण लाइसेंस नही लिया है l सवाल स्वाभाविक है कि इन कारखानों के विरुद्ध क्षेत्रीय खनिज निरिक्षक अशोक मिश्रा को म प्र खनिज ( अवैध खनन , परिवहन, तथा भंडारण का निवारण ) नियम 2006 , 2012 एव यथा संधोधित नियम 2022 के तहत कार्यवाही कर प्रकरण बनाना था जो उन्होंने कई साल से नही बनाया क्या खनिज निरीक्षक उक्त दोनों फर्म को खनिज भंडारण लाइसेंस न लेने में संरक्षण दे रहे हैं ।
जबकि इसी बड़वारा तहसील क्षेत्र में अन्य ग्रामो में लगे पुट्टी कारखानों में खनिज भंडारण लाइसेंस लेने में खनिज निरीक्षक अशोक मिश्रा का खनिज निरीक्षक प्रतिवेदन लगा है l

*क्या इनके खिलाफ जिला प्रशासन नोटिस लेगा*

विरला व्हाइट का वर्ष 2013 से और जे के का 2016 से कितना उत्पादन किया गया -कितना डोलोमाइट मार्बल वेस्टेज एव अन्य खनिज किस फर्म से खरीदा गया -कितनी रायल्टी चुकता की गई उसकी जांच होना चाहिए l क्योंकि वाल पुट्टी बनाने में डोलोमाईट का 85% उपयोग होता है। इस तरह लाखो टन खनिज का ज़ह बिना खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति लिए खनिज का भंडारण हो रहा है वहां म प्र खनिज ( अवैध खनन , परिवहन, तथा भंडारण का निवारण ) नियम 2006 , 2012 एव यथा संधोधित नियम 2022 के अंतर्गत खनिज निरीक्षक अशोक मिश्रा द्वारा उक्त दोनों फर्म के विरुद्ध आज दिनाक तक अवैध भंडारण के सम्वन्ध में कोई प्रकरण नही बनाया गया एव न ही उक्त फर्म को भंडारण लेने कोई नोटिस जारी नही किया गया जो सवालिया निशान खड़ा करता है।अब जबकि मुख्यालय से जाँच करने के आदेश आए हैं तो जाँच कैसे हो इस पर मार्गदर्शन मांगकर समय और राजस्व की बर्बादी की जा रही है l

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