News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी
कौशांबी: जब दुनिया गर्मी में पसीना बहा रही थी, कुछ लोग ठगने की चालें बुन रहे थे। मगर शुक्र है कि समाज में अब भी पुलिस जैसे पहरेदार हैं जो ठगी के जाल को समय रहते काट देते हैं।
24 मई की रात कौशांबी के एक सुनार श्रीनाथ मौर्य पुत्र रामनिहोर निवासी मलाकिया के जीवन की सबसे काली रात बनने जा रही थी। बिना देरी किए हुए उसने कोखराज पुलिस को सूचना दिया कि कुछ बंजारा ठगों ने उसे ‘सस्ते सोने’ का लालच देकर असली सोना दिखाकर भरोसा में लेते हुए 15 लाख रुपये लेकर फर्जी धातु देकर फरार हो गए। और सुनार की मेहनत की कमाई एक पल में हवा हो गई।
लेकिन यही कहानी यहीं खत्म नहीं होती
सूचना मिलते ही बिना देरी किए हुए कोखराज थाने की सतर्क पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया। एसपी राजेश कुमार के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। पुलिस की सक्रियता रंग लाई। अगले ही दिन मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 03 महिलाओं समेत 06 ठगों को पकड़ लिया। उनके पास से 15 लाख रुपये और मोबाइल फोन बरामद हुए।
यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं थी यह इंसाफ की जीत थी
गिरफ्तार लोगों ने खुद कबूल किया कि वे गांव-गांव जाकर सोने के जाल में लोगों को फंसाते हैं, फिर डेरे समेटकर गायब हो जाते हैं। यही उनका धंधा था। मगर इस बार उन्हें कौशांबी पुलिस के तेज़ ट्रैप ने घेर लिया।
यह क्यों मायने रखता है?
यह घटना बताती है कि ठगी अब भी एक बड़ा खतरा है, परंतु सतर्कता और समय पर कार्रवाई इससे बचा सकती है। यह पुलिस की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि अपराध कितनी भी चालाकी से हो कानून के हाथ लंबे हैं। यह जनता के लिए चेतावनी है कि लालच में आकर सच की पहचान न खोएं।