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उद्यानिकी मिशन अन्तर्गत दो दिवसीय कृषक सेमिनार एवं संगोष्ठी का शुभारम्भ

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उद्यानिकी मिशन अन्तर्गत दो दिवसीय कृषक सेमिनार एवं संगोष्ठी का शुभारम्भ

*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*

 

रायसेन। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग रायसेन द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन अन्तर्गत दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक सेमिनार एवं संगोष्ठी का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र नकतरा रायसेन में दिनांक 11 मार्च 2025 को मुख्य अतिथि माननीय अंजु पवन भदौरिया मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर कृषि स्थायी समिति अध्यक्ष लोकेश मिश्रा राकेश शर्मा अध्यक्ष भाजपा जिला-रायसेन कृषि विज्ञान केन्द्र रायसेन के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. स्वप्निल दुबे वैज्ञानिक डॉ. मुकुल कुमार रंजीत सिंह राघव डॉ. प्रदीप कुमार द्विवेदी सहायक संचालक उद्यान रायसेन आर.एस. शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

सर्वप्रथम माननीय अतिथियों द्वारा मां सरस्वती देवी के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उद्यानिकी प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया गया। सहायक संचालक उद्यान रायसेन आर.एस. शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए अतिथियों का स्वागत किया।

डॉ. स्वप्निल दुबे ने कहा कि उद्यानिकी फसलों में फसल विविधीकरण के अंतर्गत खरीफ में हल्दी व अदरक रबी में धनिया लहसुन मैथी कलौंजी व औषधीय फसलों में अश्वगंधा शतावर उत्पादन की जिले में अच्छी संभावनाएं हैं।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंजु पवन भदौरिया ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में फसलों की खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसल साग सब्जी फल व फूल की खेती करके ही अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही खेती को लाभकारी बनाने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली प्राकृतिक व जैविक खेती को अपनाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने किसानों से आवाहन किया कि उद्यानिकी फसलों की नवीनतम किस्मों को ड्रिप व मल्चिंग तकनीक समन्वित कीट व रोग तकनीक से लगाकर खेती को लाभकारी बनाया जाये।

उद्यानिकी वैज्ञानिक मुकुल कुमार द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों को कम पानी का उपयोग कर अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने की तकनीक बताई। यह बताया गया कि किसान पौध रोपण एवं टपक सिंचाई पद्धति का प्रयोग कर कम से कम क्षेत्रफल में भी लाभ प्राप्त कर सकता है तथा परम्परागत खेती के अलावा उद्यानिकी के अन्तर्गत फल-बगीचा फूलों की खेती ड्रिप व मल्चिंग तकनीक पर सब्जियों की खेती करने से ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है।

राकेश शर्मा ने कहा कि कृषकों को परम्परागत खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों व वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए जैविक खेती को अपनाने की जल संरक्षण संरचनाऐं एवं उन्नत तकनीक अपनाने की सलाह दी गई।

सहायक संचालक उद्यान आर.एस. शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन अन्तर्गत कृषक पॉली हाऊस नेट हाऊस ड्रिप व मल्चिंग तकनीक आदि का उपयोग कर उद्यानिकी फसलों का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्नतशील उद्यानिकी कृषक वर्षा शुक्ला सिलवानी प्रदीप राठी औबेदुल्लागंज केसरी कुशवाह सांची रमेश पटेल बेगमगंज द्वारा किये जा रहे नवाचार अनुभव को कृषकों के साथ साझा किया एवं मुख्य अतिथि द्वारा उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रमाण-पत्र भी देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर जिले के सभी विकास खंडों के 45 गांव से लगभग 295 कृषकों ने भाग लिया। साथ उद्यान विभाग के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रंजीत सिंह राघव द्वारा किया गया एवं सुरेन्द्र सिंह रघुवंशी द्वारा आभार प्रदान किया गया।

डॉ. स्वप्निल दुबे

वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख

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