Breaking News : पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
नौकरी में वापसी का भी दे चुकी हैं आवेदन
कांग्रेस पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप, विधानसभा और लोकसभा में टिकट का किया था वादा
भोपाल : पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को लिखा पत्र। पार्टी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट देने का कांग्रेस ने किया था वादा। नौकरी में वापसी का भी दे चुकी हैं आवेदन । भारतरत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की मानसपुत्री होने के नाते बाबा साहब हमेशा मेरे प्रेरणास्रोत रहे हैं और उनके बताए गए मार्ग पर चलकर उच्च शिक्षा अर्जित कर मैने इंजीनियर, डीएसपी और डिप्टी कलेक्टर जैसे राज्य प्रशासनिक पदों का दायित्व निर्वाह किया है। बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने संसद की ओर इशारा कर हमें इंगित किया है कि “ऐ मेरे समाज के लोगो, संसद रूपी मंदिर में पहुंचकर राजनीतिक हिस्सेदारी अर्जित करो व वंचित वर्ग की आवाज बनो।” उनके इस इशारे को आत्मसात करने के लिए मैंने राज्य प्रशासनिक सेवा का सर्वोच्च पद त्याग दिया। मैं उस समय यह समझती थी कि कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर समाज के शोषित पीड़ित और वंचित लोगो का प्रतिनिधित्व कर बाबा साहब के सपनों को साकार कर सकूंगी किंतु पिछले 6 महीने से कांग्रेस की नीयत को करीब से आंकलन कर मैंने यह पाया कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे विधानसभा में टिकट देने का वादा किया। 229 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए और एक सीट आमला मेरे लिए होल्ड पर रखने का केवल दिखावा कर समाज का वोट बटोरना चाहा एवं खुद षडयंत्र कर मुझे चुनाव लड़ने से रोका। पुनः मुझे लोकसभा में टिकट देने का भरोसा दिया गया लेकिन इसमें भी वादाखिलाफी की गई। बाबा साहब ने कहा था कि “कांग्रेस जलता हुआ घर है” मैने यह महसूस भी किया। कांग्रेस ने बाबा साहब को कभी टिकट नहीं दिया बल्कि उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़े करके उन्हें चुनाव में हरा दिया। कांग्रेस, ने न्याय तब भी नही किया था और कांग्रेस न्याय अब भी नही कर पा रही है।
परम पूज्य डॉ बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर जी की जयंती के पावन अवसर पर मैं कांग्रेस पार्टी के समस्त दायित्वों से मुक्त होती चाहती हूं क्योंकि कांग्रेस में नारी सम्मान के लिए कोई स्थान नहीं है जिसका ताजा उदाहरण लोकसभा चुनाव 2024 में संसदीय सीटों में कांग्रेस पार्टी के अंदर मध्यप्रदेश में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व न मिलना भी है। बाबा साहब स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांत के पुरोधा पुरुष थे। उनका मानना था कि सभी भारतीयों को उनकी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना आगे बढ़ाने के लिए समान अधिकार व अवसर मिलने चाहिए। मैं इन्हीं सिद्धांतों को आत्मसात कर समाज और देशसेवा के लिए सदैव तत्पर हूं। इसी ध्येय को लेकर मैं कांग्रेस की राजनीति में व्यापक स्तर पर कार्य करना चाहती थी लेकिन इस हेतु कांग्रेस पार्टी ने मेरी योग्यता को ही अयोग्यता बना दिया। अतः मैं कांग्रेस पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होना चाहती हूं और मैं अपना पूरा जीवन बाबा साहब के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित करती हूं।