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गजब है मध्यप्रदेश : रोजगार गारंटी के नाम पर 7 साल से बेरोजगार आदिवासी

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गजब है मध्यप्रदेश : रोजगार गारंटी के नाम पर 7 साल से बेरोजगार आदिवासी

 

ये हैं मध्यप्रदेश में आदिवासियों के आशियानों को उजड़ने की कहानी

 

देखिए बैतूल और नर्मदापुरम में बैठें अधिकारियों की कार्यप्रणाली का नमूना

 

मनीष कुमार राठौर / 8109571743

 

भोपाल / बैतूल । किसी बसे बसाए आशियाने को कैसे उजाड़ा जाता है इसका सबसे बड़ा उदाहरण बैतूल और सतपुड़ा टाईगर रिजर्व नर्मदापुरम के अधिकारियों ने दिखाया है । महान है मध्यप्रदेश का शासन प्रशासन जहां पर आदिवासियों की जिंदगी को विस्थापन के नाम पर शोषण किया गया है , क्योंकि विस्थापन के नाम पर एक खुशहाली भरे गांव से लोगों को निकल कर आदिवासियों को उनके मौलिक से दूर कर अज्ञात नर्क में ढकेल दिया जहा पर ना पर्याप्त पानी की व्यवस्था ना रोजगार ना जीवन यापन करने के पर्याप्त साधन है, जिस प्रकार मध्यप्रदेश के वन विभाग ने आदिवासियों की जिंदगी को नर्क बनाया है विस्थापन के नाम पर किसी के साथ नही हुआ है । ग्रामीणों की माने तो सतपुड़ा टाईगर रिजर्व नर्मदापुरम और बैतूल जिलें का शासन प्रशासन इसके सबसे बड़े जिम्मेदार है, जिन्होंने हमको अपने अधिकारों से दूर करते हुए । आज दरबदर की ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया हमरे द्वारा कभी एसडीएम तो कभी जिला कलेक्टर के चक्कर काटने को मजबूर है जिसके बाद भी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, बैतूल जिलें में 7 साल में विधायक आए गए, कलेक्टर बदले, एसपी बदले परंतु हमारी समस्या जस की तस रही, ऐसे में क्या उम्मीद कर सकते है बैतूल कलेक्टर से ? क्या न्याय दिला पाएंगे बैतूल कलेक्टर ? क्या वो कर पाएंगे तो 7 सालों से अभी आए गए कलेक्टर नही कर पाए ? क्योंकि आज तक इस गांव का सीमांकन नही हो पाया है, एसडीएम कार्यालय से कुछ किलोमीटर की दूरी होने के बाद भी आजतक आदिवासियों को झांकने तक नही गए है अधिकारी ।

 

मनरेगा मजदूरी और जॉब कार्ड के लिए तरस रहे आदिवासी ग्रामीण

 

बैतूल जिलें में घोड़ाडोंगरी जनपद के रामपुर भतोड़ी पंचायत के गांव निशाना से विस्थापित होकर शाहपुर जनपद में बसाए गए नया निशाना में 7 वर्ष होने को है परंतु इन ग्रामीण आदिवासियों को जॉब कार्ड तक नही दिया गया है । जिसके कारण यह मानेगा में मजदूरी तक नही जा रहे है क्योंकि इनके पास जब कार्ड तक नही है । अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि जब ग्रामीण को जॉब कार्ड तक नही मिल पाया है तो आप दूसरी सुविधाओं की कल्पना भी क्या कर सकते है, जहा लोगों के पास जीवन यापन करने के लिए रोजगार के भी संसाधन नही है ।

 

क्या कहना है ।

 

निर्वाचन की ट्रेनिंग से लौट कर मामले की जांच करवाता हूं ।

 

नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी कलेक्टर बैतूल

 

आपके द्वारा बहुत बड़ी जानकारी मुझे दी गई है जल्द से जल्द लाभ दिलाया जायेगा ।

 

एल मूर्ति सतपुड़ा टाईगर रिजर्व विभाग प्रमुख नर्मदापुरम

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