मेहर समाज ने लिया फैसला समाजजन बोलेअब मृत्यु भोज करेंगे बंद,पुरानी रूढ़िवादी
*दैनिक प्राईम संदेश जिला ब्यूरो चीफ राजू बैरागी जिला *रायसेन*
*मध्य प्रदेश जिला रायसेन*
कुरीतियों को खत्म करने का भी लिया संकल्प
रायसेन।मेर मेहर समाज के लोगों ने अब मृत्युभोज बन्द करने का निर्णय सर्व सम्मति के आधार पर लिया है।वहीं समाजजनों ने समाज में व्याप्त प्राचीन रूढ़िवादी कुरीतियों को खत्म करने का फैसला लिया है।ताकि समाज में बदलाव आए।
मेर मेहर समाज के प्रदेशाध्यक्ष व समाजसेवी मनोहर मेहर ने भाजपा नेता पूर्व नपाध्यक्ष जमना सेन की मौजूदगी में यह बेहतर निर्णय लिया और समाज की भलाई की दिशा में ठोस कदम उठाया है।समाज के प्रदेशाध्यक्ष मेहर ने वर्ष 2016 में समाजजनों के सामने यह संकल्प लिया था कि समाज के किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगाने की प्रेरणा परिजनों को हमेशा देते आए हैं।मेर मेहर समाज में भी अन्य समाजों क
की भांति जन जागृति भी आई है।
पिछले दिनों संस्कार बिहार वार्ड 13 निवासी जिला अस्पताल के रिटायर्ड कर्मचारी बुजुर्ग ज्ञान सिंह मेहर का निधन हो गया था।वह शिक्षक महेश मेहर के पिता थे।संस्कार बिहार कॉलोनी निवासी ज्ञान सिंह मेहर की मृत्यु के बाद उनके अंतिम में सैकड़ों लोग शामिल होने के लिए मुक्तिधाम पहुंचे।यहां शोकसभा के बाद समाजजनों ने यह प्रस्ताव रखा कि मृत्यु भोज और फिजूल खर्ची पर रोक लगाई जाए।ज्ञान सिंह मेहर के पुत्र शिक्षक महेश मेहर ने बताया कि उनके पिता भी मृत्यु भोज रसोई तेरहवीं के विरोधी रहे थे।इसीलिए वे पिता के आदेश का पालन करते हुए वे और मेहर समाज अब समाज में बदलाव लाने के लिए नई सोच के साथ मृत्यु भोज पर रोक लगाएंगे।जिसका मेहर समाज के लोगों ने समर्थन किया है।
मेहर समाज सहित अन्य समाज के लोग भी रसोई प्रथा पर रोक लगाकर तेरहवीं की पुरानी रूढ़िवादी प्रथा पर रोक लगाएं तो समाजों की बेहतरी और उन्नति की दिशा में एक अच्छा कदम साबित होगा।वरिष्ठ समाजसेवी मनोहर मेहर ने उपस्थित सभी सनातन हिन्दू समाज के जिलाध्यक्षों से यह अपील की है कि रसोइप्रथा पर रोक लगाई जाए।तो बेहतर होगा।