गजब है मध्यप्रदेश बेजुबान पशुओं की सहायता के लिए जारी राशि में किया घोटाला
लेखापाल के साथ मिलकर उप संचालक ने किया अपने ही कर्मचारियों का शोषण
धार जिलें के पशुपालन विभाग के उप संचालक ड्रॉ.जी.डी. वर्मा का कारनामा
मनीष कुमार राठौर / 8109571743
भोपाल / धार । मध्यप्रदेश के धार जिलें के पशुपालन विभाग ने सारी हदें पार करते हुए सरकारी खजाने कर दुर्पयोग कर अपना ही पालन पोषण कर रहे है । जिस बेजुबान जानवर की देख रेख और कार्यालीन कार्यों के लिए शासन प्रशासन ने राशि जारी की थी उसी राशि को चपत लगाते हुए उप संचालक और लेखपाल ने घोटाला कर दिया जिसकी शिकायत प्रदेश स्तर से लेकर संभाग स्तरीय अधिकारियों तक की गई परंतु विभाग में बैठें अधिकारी कार्यवाही के लिए ना जाने किस शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे है । आपको जानकर हैरानी होगी की किस प्रकार से अधिकारी ने अपनी महिला कर्मचारी के साथ मिल कर शासन को चूना लगाया है । पशुपालन विभाग के जिला धार में उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं के पद पर पदस्थ डॉ.जी.डी.वर्मा एवं लेखापाल श्रीमती अमिता सोलंकी द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध लम्बे समय से दमनकारी निती चला रहे है । पीड़ीत अधिकारियों/कर्मचारियों की आये दिन शिकायत प्राप्त हो रही थी जिसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को बिन्दुवार शिकायत की गई थी । जिस पर एक माह से अधिक समय व्यतीत होने उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है ।
उप संचालक के खिलाफ क्या हुई शिकायत ?
डॉ.जी.डी.वर्मा,उप संचालक,पशु चिकित्सा सेवाएं,जिला धार एवं लेखापाल द्वारा मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध निरंकुशता से कार्य कर रहे है
शासन के नियम अनुसार प्रथम श्रैणी अधिकारी को एक जिले में 3 वर्ष से अधिक नहीं रखने का प्रावधान के उपरांत डॉ.जी.डी.वर्मा विगत 5 वर्ष से पदस्थ है ।
वर्ष 2022-23 में कम्प्यूटर एवं इंटरनेट कनेक्शन हेतु 650000/-की राशि पशु कल्याण समिति से आहरित की गई थी, जिसमें कम्प्यूटर प्रदाय किये गये, परन्तु इंटरनेट कनेक्शन किसी भी संस्था को आज दिनांक प्रदाय नहीं किये गये ।
अधिकारियों/कर्मचारियों से आये दिन दबावपूर्वक,अवैध वसूली की जाती है,तथा नहीं देने की स्थिति में स्थानान्तरण, वेतन रोकने एवं अन्य हथकण्डों से परेशान किया जाता है ।
इन दोनो की जुगलबंदी से भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है । कोषालय के नाम पर लेखापाल एवं अधिकारी द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वत्व भुगतान में अवैध राशि की मांग की जाती है,जिन कर्मचारियों द्वारा अग्रिम राशि दी जाती है,उनके स्वत्व का भुगतान किया जाता है,तथा नहीं देने वाले कर्मचारियों का नियम विरूद्ध स्वत्व भुगतान दिन,महीनो,वर्षो तक लंबित रखा जाता है ।
मुकेश ठाकुर,सेवानिवृत्त वाहन चालक से श्रीमती अमिता सोलंकी,लेखापाल द्वारा राषि रूपये 25000/-की मांग की गई, तथा नहीं देने पर स्वत्व के भुगतान में चार माह की देरी की गई तथा उनके समर्पण अवकाश नगदीकरण राशि में रू.1.00 लाख कम भुगतान किया गया,जो आज दिनांक तक लंबित है ।
क्या कहना है ।
भोपाल से जांच चल रही है टीम आई थी जांच की अब क्या कार्यवाही करता है विभाग जल्द मालूम चलेगा ।
डाबर जे डी इंदौर पशुपाल विभाग
अगले अंक में देखिए ।
कौन है डॉ.जी.डी.वर्मा, उप संचालक धार जिन्होंने लगाया घोटालों का अंबार
धार में पशु चिकित्सा सेवाएं का हाल बेहाल और उप संचालक काट रहे चांदी