- पत्रकार को धमकाने के मामले में भोपाल पुलिस के हाथ खाली
- प्रदेश आबकारी विभाग का कारनामा, अधिकारी पर लगी 5 धाराएं और विभाग ने कर दिया दोषमुक्त
- 1 करोड़ 84 लाख के फर्जी बैंक गारंटी कांड के तत्कालीन प्रभारी राकेश कुर्मी को, आबकारी आयुक्त श्रीवास्तव ने किया दोष मुक्त
- क्या पत्रकार को आए कॉल के आडियो की जांच कर पायेगी भोपाल पुलिस ?
मनीष कुमार राठौर / 81095 71743
भोपाल । कलमकार को कलंकित करते आबकारी विभाग के उच्च अधिकारियों के आगे राजधानी की पुलिस भी फैल हो चूका है । क्योंकि प्रदेश की हाई टेक पुलिस यदि 1 महीने बीत जाने के बाद भी राजधानी में रहकर पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा तो अन्य जिलों में पुलिस की लाचार कानून व्यवस्था के हालात आप समझ सकते है कि प्रदेश के जिलों में पुलिस क्या करती होगी ? साईबर क्राइम के मामले में धन्य है भोपाल की पुलिस और महान है उनके अधिकारी जो कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते है । बीते दिनों नियमों को ताक पर रखकर शासन द्वारा निर्धारित समय से पहले शराब बिक्री को उजागर करने वाले पत्रकार अमित सेन को शराब माफिया द्वारा प्राइवेट नम्बर से फोन पर गाली गलौज कर धमकी दी गयी थी। राजधानी में पत्रकार को धमकाने के इस मामले ने खूब तूल पकड़ा और प्रदेश के पत्रकारों के बीच भी ये मामला चर्चा का केन्द्र बना रहा। अमित सेन की शिकायत पर 24 नवंबर को सूखी सेवनिया थाने में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन पुलिस की पड़ताल आज भी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी है। एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस का आरोपी तक न पहुंच पाना कहीं न कहीं इस मामले में पुलिस की विवेचना की रफ्तार पर भी सवाल खड़े करता है। हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी ने पत्रकार को धमकाने के लिए प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल किया है, जिसके चलते तकनीकी तौर पर आरोपी की पहचान में कठिनाई आ रही है। वहीं इस मामले पर देहात एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा का कहना है कि पुलिस इस प्रकरण पर निरंतर जांच कर रही है, उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्द पुलिस आरोपी तक पहुंच जाएगी।
पुलिस जांच के बावजूद भोपाल के पूर्व एसी को आबकारी कमिश्नर ने किया दोषमुक्त
भोपाल में हुए 01 करोड़ 84 लाख के फर्जी बैंक गारंटी कांड से भोपाल के तत्कालीन प्रभारी एसी राकेश कुर्मी को, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने दिनांक 22/12/2023 को आदेश जारी करके दोष मुक्त कर दिया है, जबकि पुलिस थाना कोहेफिजा में दर्ज एफआईआर क्रमांक 0305 दिनांक 27/05/2023 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी में पुलिस जांच जारी है। जिसके बावजूद आबकारी कमिश्नर ने दोष मुक्त कर दिया, जिसमें सूत्रों की माने तो एक्साईज एक्ट और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं किया, वही प्रदेश के अन्य जिलों में हुए इसी तरह के फर्जीवाड़े से सिख लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतना थी ।
क्या कहना है पीड़ित पत्रकार का
शराब माफिया की गुंडागर्दी का शिकार बने अमित सेन अपने ही मामले में पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली से खिन्न हैं, उनका कहना है कि एक महीने से भी अधिक समय मे पुलिस की जांच का बेनतीजा रहना पुलिस की सुस्ती को उजागर कर रहा है। उन्होंने पुलिस द्वारा जानबूझकर आरोपी को बचने का समय देने की शंका जाहिर करते हुए कहा कि, एक पत्रकार के मामले में पुलिस के लचर रवैये से यह आंकलन किया जा सकता है कि आम ग्रामीणों के प्रकरण पर पुलिस कैसे कार्यवाही करती होगी।