रामलीला में धूमधाम से हुआ शिव विवाह
आनंद गौर हरदा जिला संवाददाता
हरदा – बालेश्वर धाम ग्राम बालागांव में शिव शक्ति रामलीला मंडल द्वारा रामलीला का आयोजन किया जा रहा है इसमें प्रथम दिवस शिव विवाह एवं नारद मोह का खेल दिखाया गया भगवान शंकर ने सती को त्याग दिया और उसे दूर चला गया भगवान शंकर जी कैलास चले जाता है 87 हजार वर्ष तक वही समाधि ले कर कैलास पर रहे हो और माता सती दूर रहे । साथ ही उन्होंने बताया कि उपास का मतलब है कि एक ऐसे दिन जो पूरा उपास में निकले मतलब जो बाकी दिनों से अलग हो ,साथ ही फलियार का मतलब फ़ल हार होता है । श्रद्धा और विसवास से भजन करोगो तो भूख नही लगती । भगवान शंकर ने शती में माता सीता स्वरूप में दिखने लगी और भगवान शंकर माता सीता को माता के रूप में देखते है । संसार के सुख से अंत मे दुख ही मिलता है । सति को कथा सुनाते सुनाते बह भगवान में लीन हो जाते है। मगर सति का मन नही लग रहा था । सती कर पिता दक्ष के पता घर यग करा रहे थे मगर माता सति ओर शकर को नही बुलाया माता सती मायके जाने के लिये जिद करने लगी मगर भगवान शंकर ने बोला अपने विरोधी कर नही जाना कोई मान समान नही होगा बहा हमारा जब माता सती सभा मे पहुची तो देखा कि बहा सभी देवता देवी का स्थान नही था वह यह देख कर श्राप देती है और वह अग्नि जला कर खुद जल जाती है । भगवान शंकर को क्रोध आता है और वह तांडव करने लगते है । पर्वत राज के यहां माता पार्वती ने जन्म लिया भगवान नारद ने पर्वत की बेटी होने के कारण उनका नाम पार्वती रख दिया और माता से कहा कि आप तपस्या करोगी तो ही आप को फल मिलेगा । पार्वती जी भगवान शंकर आप की तपस्या कर रही है ।वही सप्तऋषि ने आ कर माता पार्वती की परीक्षा ली शप्तऋषि ने बोला कि तुम्हे उनके पास कुछ नही है फिर क्यों विवाह कर रही हो तो माता जगदम्बा बोलती है की मेने दूसरा जन्म ही भगवान शंकर के लिये लिया है । जब भगवान सादी के लिए बरात ले कर चलते है । और धूम धाम से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह किया गया । शिव शक्ति रामलीला मंडल द्वारा पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।