अवयस्क बालिका के साथ गलत काम (बलात्कार) करने वाले
आरोपी को।।दिसंबर 22 2023
*दैनिक प्राईम संदेश जिला* *ब्यूरो चीफ राजू बेर की जिला *रायसेन*
10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 20000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया ।
माननीय न्यायालय श्रीमान् राजीव राव गौतम अनन्य विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 जिला रायसेन म0प्र0 द्वारा आरोपी विजय मीणा पिता ओमकार सिंह मीणा आयु 21 वर्ष निवासी कराघाटी, थाना सुल्तानपुर जिला रायसेन म.प्र. को धारा 450 भादसं. में 05 वर्ष का कठोर कारावास लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 3 सहपठित धारा 04 (i) में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(v) में 10 वर्ष का कठोर कारावास तथा कुल 20000/- रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया इस मामले में शासन की ओर से श्रीमती भारती गेडाम अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन ने पैरवी की घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री ने दिनांक 08.06.2021 को अपने माता-पिता के साथ पुलिस थाना सुल्तानपुर जिला रायसेन में उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट की कि वह कक्षा 11वीं में पढ़ती है दिनांक 07.06.2021 को रात्रि करीब 11:00 बजे वह एवं उसकी दादी घर पर थी उसके माता-पिता नानी के घर ग्राम गये हुए थे वह दूसरे कमरे में थी एवं उसकी दादी दूसरे कमरे में थी।
तभी रात्रि 11:00 बजे विजय मीणा उसके घर के अंदर घुस आया जब उसने विजय मीणा से कहा कि वह यहां क्यों आया तो विजय मीणा ने उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया जब वह चिल्लायी तो उसकी दादी आ गयी जिसे आता देख विजय मीणा भाग गया फिर उसने अपने माता-पिता को फोन पर सारी बात बतायी और उनके घर आने के बाद रिपोर्ट करने आयी उक्त रिपोर्ट के आधार पर पुलिस थाना सुल्तानपुर के अपराध क्रमांक 126/21 पर विजय मीणा के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की गयी प्रकरण की विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शाा मौका बनाया गया फरियादी के कथन लेखबद्ध किये गये पीडि़ता को दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा बनाया गया पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया आरोपी को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पत्रक बनाया गया पीडि़ता एवं उसके माता-पिता के कथन लेखबद्ध किये गये पीडि़ता के कथनों में आरोपी के द्वारा उसके साथ गलत काम बलात्कार किया जाना बताया है। प्रकरण में रक्त नमूना लिया जाकर एफ एस एल एवं डी एन ए परीक्षण हेतु भेजा गया संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत मेडिकल एवं वैज्ञानिक साक्ष्य् के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध किया गया