Breaking News in Primes

गैंगस्टर प्रिंस खान के धमक के बाद भी मैथन बॉर्डर से नही थम रहा प्रतिबंधित मांगुर मछली का तस्करी

0 116

*गैंगस्टर प्रिंस खान के धमक के बाद भी मैथन बॉर्डर से नही थम रहा प्रतिबंधित मांगुर मछली का तस्करी*

 

रिपोर्टर मो० इम्तियाज अंसारी

 

धनबाद : भारत मे प्रतिबंधित जहरीली थाई मांगुर मछली का तस्करी मैथन ओपी क्षेत्र के चिरकुंडा बॉडर से के रास्ते मे तस्करी फिर एक बार जोर पकड़ ली है। बताया जाता है एक दिन में लाखों नही करोड़ो का खेल होता है। जिसके कारण अक्सर इस खेल के सिंडिकेट के कई गुटों में वचर्सव की लड़ाई होती रहती है, और एक दूसरे को जान मारने की धमकी या प्रतिबंधित मछली लोड गाड़ियों को अगवा करने का मामला सामने आती है।। सिटी लाइव न्यूज।। यह तस्करी का खेल लंबे समय से चल रहा है धनबाद जिला प्रशासन अब तक इस पर रोक नही लगा पाई है। ना ही खेल में शामिल लोगों को पकड़ पाई है। मैथन क्षेत्र के NH2 समीप होटलों से फर्जी चलान देकर मांगुर मछली गाड़ी पश्चिम बंगाल से झारखंड में प्रवेश कर अन्य राज्यो में भेजा जाता है। फर्जी चलाना देने वाले सिंडिकेट के लोग करोड़पति बन गए है।

 

…करोड़ो की कमाई पर गैंगस्टर प्रिंस खान की इंट्री…

 

प्रतिबंधित मांगुर मछली में करोड़ो की कमाई की जानकारी मिलने पर गैंगस्टर प्रिंस खान की एंट्री हुई। मछली कारबार से जुड़े व्यवसायियों को अपना निशाना बनाया। और पैसों की मांग,रंगदारी और जान मारने की धमकी बीते जुलाई माह को मछली व्यवसायी रोशन वर्णवाल को प्रिंस खान ने उसके फोन पर दिया। मछली कारोबार से जुड़े व्यवसायी रैशन वर्णवाल इसकी सूचना चिरकुंडा पुलिस से की थी। जिसमे कहा था .

 

की उसके मोबाइल पर प्रिंस खान का शूटर मेजर के नाम से रंगदारी मांगी गयी है। जिसके बाद पूरे चिरकुंडा पुलिस के लिए यह मामला सरदर्द बन गया। चिरकुंडा से लेकर निरसा क्षेत्र के व्यवसायियों में डर का माहौल बन गया था।

 

लेकिन फिर भी प्रतिबंधित मांगुर मछली का तस्करी नही रुकी ना ही धनबाद जिला प्रशासन इस पर कोई कड़ा एक्शन ले पाए। तस्करी का मुख्य मार्ग मैथन NH2 बॉर्डर पर जांच की व्यवस्था किया। जिसका खामियाजा फिर एक बार सिंडिकेट के साथ पश्चिम बंगाल से झारखंड में मैथन ओपी रास्ते अन्य राज्य भेजा जा रहा है।

 

रिपोर्ट के अनुसार थाई मांगुर मछली वर्ष 2000 में भारत में बैन किया गया था। सबसे पहले केरल में वर्ष 1998 में बैन किया गया था। 80 फ़ीसदी लेड एवं आयरन के तत्व पाए जाते हैं। खाने से कैंसर लीवर की बीमारी और शुगर बीमारी हो जाती है।

चार महीने में 2.50 से 3किलो हो जाता है ।

वजन दूषित पानी में तेजी से बढ़ती है थाई मांगुर मछली।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!