*एक गंभीर बीमारी की ओर बड़ता हमारा हरदा – मानसिक अस्वास्थ्य*
आनंद गौर हरदा जिला संवाददाता
हरदा । एक मीडिया रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार हरदा जिले में प्रत्येक माह 5 से 6 आत्महत्या के केसेस हुए है,और यह आकड़ा बढता जा रहा है | युवाओं में यह आकड़ा और अधिक गति से तेजी ले रहा है | | आत्महत्या मानसिक अस्वस्था का एक कुप्रभाव है | किन्तु जातिगत, धार्मिक, जेंडर एवं अन्य पहचान भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित् करती है | क्या आप जानते है हमारे देश के एक छोटे से सुंदर शहर हरदा जिसकी आबादी लगभग 686,800 है उस हरदा में पिछले 7 दिनों में 18 से 23 वर्ष के 4 युवाओं ने जीवन को जीने से उचित मौत को गले लगाना वही पिछले एक साल की बात करें तो 165 लोगो ने आत्महत्या का कदम उठा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
सिनर्जी संस्थान के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य पर स्व जागरुकता हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया | इस कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाली “अनुभूति संस्था – ठाणे, से आई दीपा पवार ने कहाँ की “मानसिक स्वास्थ्य” को सिर्फ क्लीनिकल द्रष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए | अपितु व्यापक दृष्टिकोण से देखना जरूरी है | महिलाओं, युवाओं , जेंडर एवं समावेशी तरीके से मानसिक स्वास्थ्य को देखना होगा | आज के समय में हिंसा के पीछे भी मानसिक अस्वस्थ होना एक बड़ा कारण होता है | हरदा और मध्यप्रदेश के आकड़ो को देखते हुए, मानसिक स्वास्थ्य पर काम करना अतिआवश्यक प्रतीति होता है | – दीपा पवार, ठाणे (महाराष्ट्र )
आज यदि कोई शारीरिक रूप से बीमार है जैसे सर्दी, बुखार, आई फ्लू तो हम बहुत आसानी से समझ पाते है कि व्यक्ति बीमार है व उसके इलाज की जरूरत है ।शारीरिक स्वास्थ्य के विषय में हम लोग हमेशा सजग रहते है। परंतु मानसिक स्वास्थ्य का क्या यदि व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है तो हम यह समझ ही नही पाते कि वह बीमार है ना ही वह व्यक्ति स्वयं यह समझ पाता है कि में मानसिक रूप से बीमार हूँ और मुझे इलाज की आवश्यकता है और न ही उसके लिए कोई ऐसा स्थान है जो उसे अपनी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति को समझने में या इससे बाहर में सहयोग करें और अंत में उसे एक ही विकल्प दिखाई देता है कि अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेना।
अतः आज के समय में बहुत आवश्यक है कि हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें व समुदाय में ऐसे स्थानों का निर्माण करें जो इस स्थिति से बाहर आने में हमारी मदद कर सकें।
हरदा जिले में पिछले 17 वर्ष से युवाओं के साथ कार्य कर रही सिनर्जी संस्थान ने जब इन आकड़ो को देखा व यह निर्णय लिया कि आज हरदा में मानसिक स्वास्थ्य पर समझ बढ़ाना व इस पर कार्य करना बहुत आवश्यक है। अतः स्थान द्वारा हरदा के 120 गाँव में कार्य कर रहें अपने टीम साथियों की मानसिक स्वास्थ्य पर समझ बढ़ाने व इसे कैसे पहचानें की कोई साथी मानसिक रूप से बीमार है।
मानसिक स्वास्थ्य पर समाज के सभी साझेदारो को साथ में कार्य करना अति आवश्यक है तभी हम “एक स्वस्थ्य” हरदा का निर्माण कर सकेगे |
मानसिक स्वास्थ्य क्या है
किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य का संबंध उसकी भावनात्मक (इमोशनल), मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिकल) और सामाजिक (सोशल) स्थिति से जुड़ा होता है। मानसिक स्वास्थ्य से व्यक्ति के सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर व्यक्ति के तनाव को संभालने और जीवन से जुड़े जरूरी विकल्प के चयन पर भी पड़ सकता है। मानसिक स्वास्थ्य जीवन के प्रत्येक चरण अर्थात बचपन, किशोरावस्था, वयस्कता और बुढ़ापे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास होता है। इस स्थिति में व्यक्ति दूसरों के साथ सकारात्मक तरीके से बातचीत कर सकता है। साथ ही तनाव की समस्या से निपटने की क्षमता भी रखता है
सबसे पहले यह आवश्यक है कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति स्वीकारिता लाना एवं स्वं के लिए पहचान करना की मुझे कुछ मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी है
मानसिक अस्वस्थ होने के निम्न लक्षण हो सकते है :-
1. अधिक गुस्सा
2. चिडचिडापन
3. अधिक सोचना
4. इमोशनल इन बैलेंस
5. असमंजस
6. अधिक या एक धम चुप हो जाना
यह कुछ सामान्य लक्षण है किन्तु सामजिक और व्यक्तिगत आवश्यकता अनुसार यह किसी भी स्वरुप में सामने आ सकते है |
– स्वस्थ्य लाभ के लिए यह प्रयास किये जा सकते है :-
1. व्यायाम
2. मेडिटेशन
3. समय प्रबंधन
4. अपने मन की बाते अपने करीबियों के साथ साझा करना
5. लिखना
6.लोगों से बातें करना अपने आप को खुला रखना
7. परामर्श
8. जरूरत होने पर क्लिनिकल सपोर्ट लेना