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उन्नीसवें दिन भूख हड़ताल पर डटे है किसान

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उन्नीसवें दिन भूख हड़ताल पर डटे है किसान

 

आदिवासियों की जंगल और जमीन अंग्रेज भी छीनते थे अब सरकार छीन रही है-तिलकराज।

 

राजेश सिंह गहरवार सीधी

 

टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के अगुआई में मूसामूड़ी में किसानों द्वारा की जा रही भूख हड़ताल उन्नीसवें दिन भी जारी रही। आज भूख हड़ताल के उन्नीसवें दिन 6 अक्टूबर 2023 को क्रमिक भूख हड़ताल में आम आदमी पार्टी के सहायक सचिव तिलकराज सिंह के द्वारा लालन सिंह गोड़ और लालमन सिंह गोड़ को अधिग्रहित भूमि की मिट्टी कि तिलक लगाकर अनशन पर बैठाया गया। भूख हड़ताल स्थल पर उपस्थित किसानों के समक्ष अपनी बात रखते हुए तिलकराज सिंह ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा भी आदिवासी किसानों के शोषण में कई कानूनी दावं पेच का प्रयोग किया जाता रहा है। जिसके तहत जंगलों को राज्य की संपत्ति घोषित करके आदिवाशियो को जंगल से अलग किया जाता था। अंग्रेजों द्वारा शोषणकारी राजस्व प्रणाली और आदिवासी उत्पादों पर कराधान की शुरुआत की जिसके परिणामस्वरूप भूमि पर आदिवासियों के पारंपरिक अधिकार समाप्त हो गए। तिलकराज सिंह ने कहा आदिवासी समुदाय हमेशा से ही वन संसाधन पर निर्भर रहा है। आदिवासियों के लिए वन के संसाधन न केवल आर्थिक जीविका प्रदान करते हैं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से जीवन जीने का एक माध्यम भी रहा है। आदिवासी पेड़ों से ईंधन के लिए लकड़ी, इमारती लकड़ी, तेंदू-पत्ते, महुआ-फूल, चार-चिरौंजी और जड़ी-बूटियां आदि उपयोग में लेते रहे हैं।

आदिवासी जो वन संसाधन का उपयोग करते थे उन्हें आरक्षित वन घोषित कर दिया गया। इन लोगों को आरक्षित वनों में स्वतंत्र रूप से घूमने तक की अनुमति नहीं है वे अब न तो लकड़ी विन सकते है, तेंदू पत्ता नही तोड़ सकते, तेंदू फल नही तोड़ सकते, चार-चिरौंजी नही संग्रहित कर सकते, महुआ फूल फल विन और तोड़ नही सकते और न ही अपने जानवरों को जंगल मे चरा सकते है। जिस कारण आदिवासियों को काम और आजीविका की तलाश में दूसरे जगहों में भटकना पड़ रहा है। अन्याय के खिलाफ जो संघर्ष मूसामूड़ी के आदिवासी किसान कर रहे है उसे हमारा तथा हमारे पार्टी का पूरा समर्थन है।

भूख हड़ताल स्थल पर उपस्थित किसान – शिव कुमार सिंह, राजेश कुशवाहा, रामशरण कुशवाहा, केदार सिंह, राजबहादुर सिंह, जय सिंह, महावीर सिंह, हीरालाल कुशवाहा, रोशन लाल सिंह, विजय बहादुर सिंह, रामकुमार सिंह, लालमणि सिंह, भूपेंद्र कुशवाहा, छोटे लाल सिंह, रंगदेव सिंह, रामप्रसाद सिंह, पुष्पराज सिंह, महावीर सिंह, सुखदेव सिंह, राजबहादुर सिंह, जवाहर सिंह, नीलभान सिंह, सत्यदेव सिंह, हरिकेश्वर सिंह, रामप्रसाद सिंह आदि।

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