WHO की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 36 मिलियन लोगों को पौष्टीक आहार ना मिल पाना,वही अपने प्यारे देश भारत कि बात करें तो एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 80% लोगों के पास नहीं हैं पर्याप्त भोजन 80% लोग हैं कुपोषण के शिकार इस रिपोर्ट को देखते हुए पीपल मैन डॉ. रघुराज प्रताप सिंह पर्यावरणविद ने 2021 में इस अभियान कि शुरुआत आईएएस के गढ़ कहे जाने वाले मुखर्जी नगर दिल्ली से शुरू किया था जिसमें उन्होंने एक स्लोगन दिया था कि
” थाली में भोजन उतना ही ले जितना आप खा सकें..
*पैसे जरूर आपके हैं सांसधान सभी के हैं। “* भोजन की बर्बादी को रोकने का यह अभियान आज भारत के अनेक शहर राज्यों में एक जनजागरूकता का माध्यम बन गया हैं तो आइये जानते हैं क्यों बचाना चाहिए भोजन?
जब हम पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण की बात करते हैं तो उसी पर्यावरण संरक्षण और मानव की भूख मिटाने वाले खाद्य पदार्थ भोजन को हम क्यों भूल जाते हैं
आज के बाद खाद्य पदार्थ के संरक्षण की भी बात करनी चाहिए। क्योंकि मानव जिस प्रकार जल, वायु ऑक्सीजन के बिना जीवित नहीं रह सकता हैं उसी प्रकार भोजन के बिना जीवित रह पाना मुश्किल हैं? क्योंकि जो भी हम भौतिक सांसधान अपने जीवन में प्राप्त करते हैं आखिर किस लिए अपने को ख़ुश रखने के लिए और अपने को जीवित और सुरक्षित रखने के लिए तो फिर हम क्यों भूल जाते हैं होटल रेस्टोरेंट में भोजन छोड़ते वक़्त?
यह वही भोजन हैं जो कुछ दिन ना मिले तो हम घर सर पर उठा लेते हैं और व्याकुल हो उठते हैं हम क्यों भूल जाते हैं मातृभूमि के पुत्र किसान जो अपनी कड़ी मेहनत से हमारे लिए फ़सल तैयार कर भोजन तैयार करता हैं यह सोचने वाली बात हैं की हमारी थाली में भोजन 145 दिन लगते हैं पहुंचने में आपको लगता यह कैसे?
हमें तो तुरंत मिल जाता हैं जैसे ही हमने पैसे पेमेंट किये?
अरे मित्रों आप यह क्यों भूल जाते हो की जो भी सांसधान हमें प्रकृति से मुफ्त में मिले हैं शायद वह सिमित हैं इसलिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक होना होगा की ” थाली में हम भोजन उतना ही लेंगे जितनी हमें भूख होंगी। ”
क्योंकि माना की पैसे हमारे हैं लेकिन सांसधान हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए भी बचा के रखना हैं।
इसलिए हम पीपल मैन डॉ. रघुराज प्रताप सिंह पर्यावरणविद फाउंडर & सीईओ रघुराज पीपल मैन फाउंडेशन के द्वारा चलाये जा रहें इस अभियान का समर्थन करते हैं और संकल्प लेते हैं की आज के बाद उतना ही लेंगे थाली में जितनी हमें भूख होंगी।