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मैं डॉक्टर हूं, कहकर संविदा कर्मचारी ने ले लिए 50 हजार, फर्जी ऑपरेशन के बाद भी पथरी बरकरार! डीएम ने दिए कठोर कार्रवाई के आदेश

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News By- हिमांशु उपाध्याय / नितिन केसरवानी

कौशाम्बी जिले के मंझनपुर जिला अस्पताल में फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक संविदा कर्मचारी ने खुद को डॉक्टर बताकर न सिर्फ मरीज को गुमराह किया, बल्कि 50 हजार रुपये वसूलकर फर्जी ऑपरेशन भी कर डाला। मामला उजागर होते ही डीएम कौशाम्बी ने तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

पुरा मामला मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में आयोजित जनता दर्शन के दौरान सामने आया। ग्राम अमीना, पोस्ट गोराजू पश्चिम शरीरा निवासी लल्लू पुत्र गुलाब ने जिलाधिकारी के सामने उपस्थित होकर बताया कि 4 जून 2025 को वह जिला अस्पताल मंझनपुर इलाज के लिए गया था। वहां पर संविदा कर्मचारी बीरेन्द्र कुमार मिला, जिसने खुद को डॉक्टर बताते हुए कहा कि पेशाब की नली में मौजूद पथरी का ऑपरेशन जिला अस्पताल में ठीक से नहीं हो पाएगा और उसे न्यू वात्सल्य हॉस्पिटल (प्राइवेट) में ऑपरेशन करवाना चाहिए।

आरोप है कि बीरेन्द्र ने उसे प्राइवेट अस्पताल भेजकर 50 हजार रुपये में ऑपरेशन करवाया, लेकिन कुछ ही दिन बाद जब लल्लू की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ तो 23 जून को उसने सिग्मा डायग्नोस्टिक सेंटर से अल्ट्रासाउंड कराया। रिपोर्ट में साफ हुआ कि पथरी अभी भी जस की तस मौजूद है।

इस गंभीर धोखाधड़ी से आहत पीड़ित ने डीएम को आपबीती बताई, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और प्राचार्य मेडिकल कॉलेज को तत्काल संविदा कर्मचारी बीरेन्द्र कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम ने चेतावनी भी दी कि भविष्य में अगर इस प्रकार की शिकायतें दोबारा आईं, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले ने न केवल जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था की भी पोल खोल दी है।  अब सवाल यह है कि क्या केवल संविदा कर्मचारी पर कार्रवाई से बात खत्म होगी, या इस पूरे नेटवर्क की गहराई तक जाकर जिम्मेदारों की भी जवाबदेही तय की जाएगी?

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